जहांगीरपुरी हिंसा: अचानक कहां से आए इतने डंडे और पत्थर, वीडियो और तस्वीरों से पुलिस को मिले अहम सबूत


जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार शाम को बवाल अचानक हुआ या यह कोई सोची समझी साजिश थी। इसका पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस की दस टीमों का गठन कर दिया गया है। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच को भी हिंसा की जांच में लगा दिया गया है। जहांगीरपुरी इलाके के लोगों का कहना है कि शाम के समय यहां शांति पूर्व तरीके से शोभा यात्रा निकाली जा रही थी। अचानक कुछ शरारती तत्वों ने सी-ब्लॉक की मस्जिद के बाहर धार्मिक नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद वहां खूब हाय-हुल्ला होने लगा। नारेबाजी के बीच किसी ने यात्रा पर पत्थर फेंक दिए। इसके बाद तो भीड़ एकदम बेकाबू हो गई। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। छतों से पथराव भी होने लगा। दोनों की भीड़ आमने सामने आ गई। यात्रा के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनको रोकने का प्रयास किया तो उन पर भी हमला कर दिया गया। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए। दोनों ओर से तोड़फोड़ और पथराव शुरू हो गया। 

कुछ लोगों ने एक दुकान और कुछ वाहनों को आग लगा दी। दमकल विभाग का कहना है कि दो दोपहिया वाहनों व एक दुकान में आग लगने की सूचना मिली थी। दमकल की तीन गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। 

 

जहांगीरपुरी में मौजूद एक शख्स ने दावा किया कि स्थानीय लोगों को बलवे की पहले से आशंका थी। हनुमान जयंती के मौके पर जानबूझकर संवदेनशील इलाके से यात्रा निकाली गई। 

दूसरे समुदाय की ओर से भी इसकी तैयारी पहले से की हुई थी। बलवा शुरू होते ही अचानक इतने पत्थर, तलवारे और डंडे कहां से आए। बलवा जब शांत हुआ तो सड़क पर दोनों ओर पत्थर ही पत्थर देखे जा सकते थे। पुलिस ने स्थानीय प्रशासन की मदद से देर शाम को सड़कों से पत्थरों को हटवा दिया था।

अब पुलिस उन लोगों की पहचान करने का प्रयास करेगी जो इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। फिलहाल पुलिस के अलावा क्राइम टीम और एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया था। 



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