चिंता: कोविड से ठीक होने के बाद 40 फीसदी की गलने लगीं हड्डियां, जोड़ों में हो रहा दर्द


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, झांसी
Published by: Vikas Kumar
Updated Mon, 31 Jan 2022 12:11 AM IST

सार

कोरोना की दूसरी लहर बेहद घातक होने की वजह से अधिकतर गंभीर मरीजों को स्टेरॉयड चली थी। कई मरीजों में स्टेरॉयड के तमाम दुष्परिणाम सामने आए। वहीं, ऐसे मरीज जो कोरोना से ठीक होने के बाद घरों में ही कैद हो गए। ज्यादा बाहर न निकलने से चलना फिरना नहीं हुआ। इस कारण जोड़ों की मांसपेशियों में रक्त का संचार ज्यादा नहीं हो सका। 

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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कोरोना संक्रमित होने के बाद स्टेरॉयड की हाई डोज लेने वाले 40 फीसदी लोगों को हड्डियां गलने और हर वक्त थकान रहने व जोड़ों में दर्द की शिकायत हो गई है। हालांकि, ये वो लोग हैं, जो कोरोना से ठीक होने के बाद अधिकतर घरों में ही कैद रहे। न ज्यादा चलना फिरना हुआ और न ही धूप से विटामिन डी मिल सका। 

कोरोना की दूसरी लहर बेहद घातक होने की वजह से अधिकतर गंभीर मरीजों को स्टेरॉयड चली थी। कई मरीजों में स्टेरॉयड के तमाम दुष्परिणाम सामने आए। वहीं, ऐसे मरीज जो कोरोना से ठीक होने के बाद घरों में ही कैद हो गए। ज्यादा बाहर न निकलने से चलना फिरना नहीं हुआ। इस कारण जोड़ों की मांसपेशियों में रक्त का संचार ज्यादा नहीं हो सका। साथ ही धूप से मिलने वाले विटामिन डी की भी कमी हो गई। जो प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत करता है। ऐसे लोगों की हड्डियां गलनी शुरू हो गई हैं। 

मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के डॉ. अमित सहगल के अध्ययन में ये बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि एक हजार मरीजों पर अध्ययन से पता चला कि लगभग 400 लोगों को हड्डियों के गलने, थकान, जोड़ों में दर्द, शारीरिक दर्द की शिकायत हुई है। इसमें नौजवान भी शामिल हैं, जिन्होंने कोरोना के चलते ज्यादातर काम वर्क फ्रॉम होम में ही किया। इस कारण उनका घरों से बाहर निकलना कम हुआ। 

इसपर भी ध्यान दें 

  • योग, व्यायाम करें 
  • मेडिटेशन भी करें 
  • अच्छा पोषक आहार लें 
  • छह से आठ ग्लास पानी पीएं 
दर्द और सूजन एक साथ ठीक नहीं 
डॉक्टर के मुताबिक मांसपेशियों में दर्द की शुरूआत अचानक हो जाती है, जो शरीर में तेजी से बढ़ती जाती है। ऐसे में शरीर में सूजन, नसों में दर्द, जोड़ों में दर्द जैसी तमाम समस्याएं हो सकती हैं। दर्द और सूजन का एक साथ शरीर में होना बेहद संवेदनशील हो सकता है। मरीज कोरोना से जंग जीतने के बाद भी थका-थका महसूस करता है। स्पष्ट है कि ये सिंड्रोम व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। 

कोरोना से ठीक हो चुके एक हजार मरीजों पर अध्ययन में सामने आया है कि लगभग चार सौ लोगों को हड्डियां गलने, जोड़ दर्द, थकान की शिकायत हुई है। इन्हें कोरोना संक्रमित होने के दौरान स्टेरॉयड की हाई डोज चली हैं। ठीक होने के बाद इनका चलना-फिरना, धूप में बैठना कम होना भी वजह है। – डॉ. अमित सहगल, हड्डी रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज। 

विस्तार

कोरोना संक्रमित होने के बाद स्टेरॉयड की हाई डोज लेने वाले 40 फीसदी लोगों को हड्डियां गलने और हर वक्त थकान रहने व जोड़ों में दर्द की शिकायत हो गई है। हालांकि, ये वो लोग हैं, जो कोरोना से ठीक होने के बाद अधिकतर घरों में ही कैद रहे। न ज्यादा चलना फिरना हुआ और न ही धूप से विटामिन डी मिल सका। 

कोरोना की दूसरी लहर बेहद घातक होने की वजह से अधिकतर गंभीर मरीजों को स्टेरॉयड चली थी। कई मरीजों में स्टेरॉयड के तमाम दुष्परिणाम सामने आए। वहीं, ऐसे मरीज जो कोरोना से ठीक होने के बाद घरों में ही कैद हो गए। ज्यादा बाहर न निकलने से चलना फिरना नहीं हुआ। इस कारण जोड़ों की मांसपेशियों में रक्त का संचार ज्यादा नहीं हो सका। साथ ही धूप से मिलने वाले विटामिन डी की भी कमी हो गई। जो प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत करता है। ऐसे लोगों की हड्डियां गलनी शुरू हो गई हैं। 

मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के डॉ. अमित सहगल के अध्ययन में ये बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि एक हजार मरीजों पर अध्ययन से पता चला कि लगभग 400 लोगों को हड्डियों के गलने, थकान, जोड़ों में दर्द, शारीरिक दर्द की शिकायत हुई है। इसमें नौजवान भी शामिल हैं, जिन्होंने कोरोना के चलते ज्यादातर काम वर्क फ्रॉम होम में ही किया। इस कारण उनका घरों से बाहर निकलना कम हुआ। 

इसपर भी ध्यान दें 

  • योग, व्यायाम करें 
  • मेडिटेशन भी करें 
  • अच्छा पोषक आहार लें 
  • छह से आठ ग्लास पानी पीएं 

दर्द और सूजन एक साथ ठीक नहीं 

डॉक्टर के मुताबिक मांसपेशियों में दर्द की शुरूआत अचानक हो जाती है, जो शरीर में तेजी से बढ़ती जाती है। ऐसे में शरीर में सूजन, नसों में दर्द, जोड़ों में दर्द जैसी तमाम समस्याएं हो सकती हैं। दर्द और सूजन का एक साथ शरीर में होना बेहद संवेदनशील हो सकता है। मरीज कोरोना से जंग जीतने के बाद भी थका-थका महसूस करता है। स्पष्ट है कि ये सिंड्रोम व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। 

कोरोना से ठीक हो चुके एक हजार मरीजों पर अध्ययन में सामने आया है कि लगभग चार सौ लोगों को हड्डियां गलने, जोड़ दर्द, थकान की शिकायत हुई है। इन्हें कोरोना संक्रमित होने के दौरान स्टेरॉयड की हाई डोज चली हैं। ठीक होने के बाद इनका चलना-फिरना, धूप में बैठना कम होना भी वजह है। – डॉ. अमित सहगल, हड्डी रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज। 

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