नई दिल्ली. फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे (BharatPe) के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर ने कंपनी के बोर्ड में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी एक खबर के अनुसार, एक पत्र में इस बात का जिक्र किया है. बता दें कि अशनीर ग्रोवर को बड़ा झटका देते हुए सिंगापुर (Singapore) में उनके खिलाफ जांच शुरू करने के लिए फिनटेक प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर की गई मध्यस्थता में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
अशनीर रिजाइन लेटर में लिखी ये बात
मैं इस बात से बेहद दुखी हूं, जिस कंपनी का मैं संस्थापक हूं आज मुझे उस कंपनी को अलविदा कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है. मैं सिर ऊंचा करके कहता हूं कि आज यह कंपनी फिनटेक की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कंपनी में से एक है. 2022 की शुरुआत से ही कुछ लोगों द्वारा मुझे और मेरे परिवार पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं. जो न केवल मुझे और मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार हैं, बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाते हैं.
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SIAC से नहीं मिली राहत
सूत्रों ने बताया कि ग्रोवर को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) से कोई राहत नहीं मिली है. मध्यस्थता केंद्र ने कहा है कि भारतपे में शीर्ष प्रबंधन की अनुशंसा पर की जा रही कामकाजी समीक्षा को रोकने का कोई आधार नहीं है. ग्रोवर ने एसआईएसी (SIAC) में दायर अपनी अर्जी में कंपनी के कामकाज के लिए जारी समीक्षा रोकने की मांग करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ की जा रही यह जांच गैरकानूनी है.
इस याचिका पर पहली सुनवाई 20 फरवरी को हुई थी. घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने बताया कि मध्यस्थता केंद्र के आपातकालीन मध्यस्थ ने दो दिन पहले ग्रोवर की सभी मांगों को नकारते हुए कोई भी राहत देने से मना कर दिया है. हालांकि सूत्रों ने कहा कि ग्रोवर मध्यस्थ के इस निर्णय को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं.
अशनीर ग्रोवर ने फिनटेक स्टार्टअप (fintech startup) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए इनवेस्टर्स से बातचीत शुरू कर दी है. कंपनी में ग्रोवर की 9.5 फीसदी हिस्सेदारी यानी 1,915 करोड़ रुपये थी. जब अगस्त 2021 में फंडिंग दौरान इसका वैल्यूएशन 2.85 अरब डॉलर किया गया था.
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