Assam Flood: बाढ़ के पानी में डूबा कैंसर अस्पताल, गंभीर मरीजों की बढ़ी परेशानी, सड़क पर ही हो रहा उपचार


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असम के कछार जिले के सिलचर कस्बे में एक कैंसर अस्पताल बाढ़ के पानी में डूब गया है। हालांकि जिले में बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है।  कैंसर अस्पताल के निदेशक रवि कन्नन ने कहा, कैंसर मरीजों के लिए अस्पताल एक दिन के लिए भी बंद नहीं किया जा सकता है। बाहर के मरीजों को हल्का इलाज दिया जाता था, गंभीर इलाज की जरूरत वाले मरीजों को ही अंदर रखा जाता था। हमने मरीजों को परिसर से बाहर ले जाने के लिए राफ्ट का इस्तेमाल किया। 

सड़क पर कीमोथेरेपी और प्रारंभिक निदान

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में बराक घाटी में स्थित 150 बेड वाला कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र कई दिनों से पानी मे डूबे हुए हैं। स्थिति इतनी विकट है है कि मरीजों का उपचार सड़क पर ही किया जा रहा है। अस्पताल के संसाधन जुटाने वाले विभाग के प्रमुख दर्शन आर ने अपने ट्विटर हैंडल से कहा, “प्रक्रिया जो बाहर की जा सकती है, जैसे कीमोथेरेपी और प्रारंभिक निदान, हम सड़क पर कर रहे हैं जहां कम से कम जल-जमाव है।”
 

नदी में डूबा पुलिस थाना

असम में बीते एक महीने से कई जिलों में लाखों लोग बाढ़ की समस्या का सामना कर रहे हैं। वहीं कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। असम के नलबाड़ी जिले में बाढ़ के कारण भंगनामारी पुलिस थाने की दो मंजिला इमारत का एक हिस्सा डूब गया है। ब्रह्मपुत्र नदी के तेज बहाव से थाना पूरी तरह से ढहकर पानी में डूब गया। 

सीएम सरमा ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बजली के भबानीपुर के बाढ़ प्रभावित इलाके चरालपारा नयापारा का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे। हम ऐसे लोगों की सूची भी तैयार कर आगे की कार्रवाई करेंगे।
मुख्यमंत्री ने अपने एक ट्वीट में जानकारी दी कि इससे पहले उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगी रजनीत कुमार दास के साथ बाढ़ के ताजा हालात और कालदिया नदी के उफान से हुई क्षति को समझने के लिए बजली के पटारकुची में कुवारा का भी  दौरा किया। 

मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि असम की ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित कई अन्य क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया है, लेकिन कछार और उसके पड़ोसी करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

असम और पड़ोसी बांग्लादेश में हाल के हफ्तों में विनाशकारी बाढ़ से 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, और कुछ निचले इलाकों में घर जलमग्न हो गए हैं।

असम राज्य प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक रविवार को 28 जिलों में प्रभावितों की कुल संख्या घटकर 22.21 लाख हो गई जबकि पिछले दिन यह आंकड़ा 25.10 लाख था। कोपिली, बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहर रही हैं। 

बुलेटिन में बताया गया कि राज्यभर में 75 राजस्व मंडलों के तहत 2542 गांव बाढ़ की मौजूदा लहर से प्रभावित हैं जबकि 2,17,413 लोगों ने 564 राहत शिविरों में शरण ली है। 

विस्तार

असम के कछार जिले के सिलचर कस्बे में एक कैंसर अस्पताल बाढ़ के पानी में डूब गया है। हालांकि जिले में बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है।  कैंसर अस्पताल के निदेशक रवि कन्नन ने कहा, कैंसर मरीजों के लिए अस्पताल एक दिन के लिए भी बंद नहीं किया जा सकता है। बाहर के मरीजों को हल्का इलाज दिया जाता था, गंभीर इलाज की जरूरत वाले मरीजों को ही अंदर रखा जाता था। हमने मरीजों को परिसर से बाहर ले जाने के लिए राफ्ट का इस्तेमाल किया। 

सड़क पर कीमोथेरेपी और प्रारंभिक निदान

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में बराक घाटी में स्थित 150 बेड वाला कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र कई दिनों से पानी मे डूबे हुए हैं। स्थिति इतनी विकट है है कि मरीजों का उपचार सड़क पर ही किया जा रहा है। अस्पताल के संसाधन जुटाने वाले विभाग के प्रमुख दर्शन आर ने अपने ट्विटर हैंडल से कहा, “प्रक्रिया जो बाहर की जा सकती है, जैसे कीमोथेरेपी और प्रारंभिक निदान, हम सड़क पर कर रहे हैं जहां कम से कम जल-जमाव है।”

 

नदी में डूबा पुलिस थाना

असम में बीते एक महीने से कई जिलों में लाखों लोग बाढ़ की समस्या का सामना कर रहे हैं। वहीं कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। असम के नलबाड़ी जिले में बाढ़ के कारण भंगनामारी पुलिस थाने की दो मंजिला इमारत का एक हिस्सा डूब गया है। ब्रह्मपुत्र नदी के तेज बहाव से थाना पूरी तरह से ढहकर पानी में डूब गया। 

सीएम सरमा ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बजली के भबानीपुर के बाढ़ प्रभावित इलाके चरालपारा नयापारा का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे। हम ऐसे लोगों की सूची भी तैयार कर आगे की कार्रवाई करेंगे।

मुख्यमंत्री ने अपने एक ट्वीट में जानकारी दी कि इससे पहले उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगी रजनीत कुमार दास के साथ बाढ़ के ताजा हालात और कालदिया नदी के उफान से हुई क्षति को समझने के लिए बजली के पटारकुची में कुवारा का भी  दौरा किया। 

मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि असम की ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित कई अन्य क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया है, लेकिन कछार और उसके पड़ोसी करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

असम और पड़ोसी बांग्लादेश में हाल के हफ्तों में विनाशकारी बाढ़ से 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, और कुछ निचले इलाकों में घर जलमग्न हो गए हैं।

असम राज्य प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक रविवार को 28 जिलों में प्रभावितों की कुल संख्या घटकर 22.21 लाख हो गई जबकि पिछले दिन यह आंकड़ा 25.10 लाख था। कोपिली, बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहर रही हैं। 

बुलेटिन में बताया गया कि राज्यभर में 75 राजस्व मंडलों के तहत 2542 गांव बाढ़ की मौजूदा लहर से प्रभावित हैं जबकि 2,17,413 लोगों ने 564 राहत शिविरों में शरण ली है। 





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