सार
वाहन उद्योग के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) (फाडा) ने भारत में मार्च महीने के लिए वाहन पंजीकरण के आंकड़े जारी किए, जो एक गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं।
वाहन उद्योग के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) (फाडा) ने भारत में मार्च महीने के लिए वाहन पंजीकरण के आंकड़े जारी किए, जो एक गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं। खासकर इसलिए क्योंकि देश में दोपहिया सेगमेंट का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के लिए बड़े पैमाने पर कई तरह के कारक चुनौतियों के रूप में बने हुए हैं। जिनमें FADA ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, स्वामित्व की बढ़ती लागत, सप्लाई-चेन से जुड़ी समस्याएं जैसे मुद्दों की ओर ध्यान दिलाता है।
FADA के मुताबिक, 2021 के मार्च के आंकड़ों की तुलना में इस साल मार्च के महीने में कुल खुदरा बिक्री में तीन प्रतिशत की गिरावट आई है, और मार्च 2020 के आंकड़ों की तुलना में 30 प्रतिशत से ज्यादा की भारी गिरावट है। साल-दर-साल आधार पर, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री में तेजी देखी गई, लेकिन दोपहिया, यात्री वाहन और ट्रैक्टर सेगमेंट चिंता का सबब बनी हुई है।
किस सेगमेंट में कितनी हुई बिक्री
घरेलू यात्री वाहन खुदरा बिक्री मार्च में पिछले साल के अप्रैल की तुलना में 4.87 प्रतिशत घटकर 2,71,358 यूनिट्स रह गई। फाडा के मुताबिक मार्च 2021 में यात्री वाहनों की बिक्री 2,85,240 यूनिट थी। जबकि इस वर्ष यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री घट गई है। पिछले महीने दोपहिया वाहनों की बिक्री 4.02 प्रतिशत घटकर 11,57,681 यूनिट्स रह गई, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 12,06,191 यूनिट्स थी।
इनकी बिक्री बढ़ी
मार्च 2022 में कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री 14.91 प्रतिशत बढ़कर 77,938 यूनिट्स रही, जो पिछले साल मार्च में 67,828 यूनिट्स थी। तिपहिया वाहनों की बिक्री की बात करें तो इसमें भारी इजाफा हुआ है। मार्च 2021 में 38,135 यूनिट्स की तुलना में पिछले महीने तिपहिया वाहनों की बिक्री 26.61 प्रतिशत बढ़कर 48,284 यूनिट्स रही। हालांकि, सभी श्रेणियों में कुल बिक्री पिछले महीने 2.87 प्रतिशत घटकर 16,19,181 यूनिट्स रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 16,66,996 यूनिट्स थी।
श्रेणी |
मार्च ’22 |
मार्च ’21 |
YoY % |
मार्च ’20 |
% बदलाव, मार्च ’20 |
दोपहिया |
11,57,681 |
12,06,191 |
-4.02% |
18,47,314 |
-37.33% |
तिपहिया |
48,284 |
38,135 |
26.61% |
77,184 |
-37.44% |
यात्री वाहन |
2,71,358 |
2,85,240 |
-4.87% |
2,18,076 |
24.43% |
ट्रैक्टर |
63,920 |
69,602 |
-8.16% |
53,477 |
19.53% |
कमर्शियल वाहन |
77,938 |
67,828 |
14.91% |
1,16,817 |
-33.28% |
क्या है बड़ी चुनौतियां
यात्री वाहनों की बात करें तो इस सेगमेंट में मांग मजबूत बनी हुई है लेकिन आपूर्ति की कमी बड़ी बाधा है। लेकिन ये बाधाएं वैश्विक कारकों जैसे कि लगातार सेमीकंडक्टर की कमी, चीन के कुछ हिस्सों में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण और बढ़ गई है।
जहां तक दोपहिया वाहनों की बात है, यह मोटर वाहन उद्योग की रीढ़ हैं। टू-व्हीलर सेगमेंट पहले से ही खराब प्रदर्शन कर रहा था और अब और भी बदतर हो गया है। FADA के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने दोपहिया वाहनों के निर्माताओं से स्पेशल ऑफर और प्रमोशन के साथ आने का आग्रह किया है ताकि सेगमेंट में फिर से जान फूंकी जा सके। उन्होंने आगे कहा, “भारतीय ऑटो उद्योग के लिए नजदीकी अवधि का दृष्टिकोण एक चुनौती बना हुआ है क्योंकि रूस में चल रहे यूक्रेन युद्ध और चीन में लगा लॉकडाउन एक आसान रास्ते की ओर इशारा नहीं करता है।”
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बाजार का माहौल सकारात्मक कैसे होगा और बिक्री कैसे बढ़ेगी। ऐसे में FADA को लगता है कि शादी और त्यौहार के सीजन और शैक्षणिक संस्थानों और कार्यालयों के फिर से खुलने से हालात में बदलाव होगा। फिर भी, जब मांग में कमी अच्छी तरह से बढ़ सकती है, लेकिन आपूर्ति की स्थिति अभी भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
विस्तार
वाहन उद्योग के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) (फाडा) ने भारत में मार्च महीने के लिए वाहन पंजीकरण के आंकड़े जारी किए, जो एक गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं। खासकर इसलिए क्योंकि देश में दोपहिया सेगमेंट का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के लिए बड़े पैमाने पर कई तरह के कारक चुनौतियों के रूप में बने हुए हैं। जिनमें FADA ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, स्वामित्व की बढ़ती लागत, सप्लाई-चेन से जुड़ी समस्याएं जैसे मुद्दों की ओर ध्यान दिलाता है।
FADA के मुताबिक, 2021 के मार्च के आंकड़ों की तुलना में इस साल मार्च के महीने में कुल खुदरा बिक्री में तीन प्रतिशत की गिरावट आई है, और मार्च 2020 के आंकड़ों की तुलना में 30 प्रतिशत से ज्यादा की भारी गिरावट है। साल-दर-साल आधार पर, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री में तेजी देखी गई, लेकिन दोपहिया, यात्री वाहन और ट्रैक्टर सेगमेंट चिंता का सबब बनी हुई है।
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