निवेश का मुख्य विकल्प बनने जा रहा है क्रिप्टो निवेश: अविनाश शेखर


अगर इस साल किसी एक लगातार बढ़ती रहने वाली इंडस्ट्री को चुनना हो, तो वह क्रिप्टो इंडस्ट्री है. खास तौर पर भारत के संदर्भ में तो यह और भी प्रासंगिक है. फिल्मी सितारे अपने डिजिटल अवतार लेकर आ रहे हैं (जैसे कि अजय देवगन और टीम रूद्रा). दूसरी तरफ क्रिप्टो संपत्ति (क्रिप्टो एसेट) के लिए सरकार की नई टैक्स नीतियां और क्रिप्टो की दुनिया के अंदर और बाहर एनएफटी के बढ़ते प्रभाव के साथ बहुत कुछ तेजी से बदल रहा है. क्रिप्टो की दुनिया में लगातार हलचल हो रही है और यह स्पष्ट है कि मौजूदा दौर में इसकी प्रासंगिकता है.

यही वजह है कि हमने जेबपे (ZebPay) के सीईओ अविनाश शेखर को बातचीत के लिए चुना है. जेबपे देश के सबसे पुराने क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक हैं और उनसे इस इंडस्ट्री में आने वाले बदलावों और निवेशक भविष्य में क्या उम्मीद कर सकते हैं, जैसी बारीकियां समझ सकते हैं.

सरकार ने क्रिप्टो संपत्ति (क्रिप्टो एसेट) पर 30% का टैक्स तय किया है, इस पर आपकी क्या राय है?

सरकार का क्रिप्टो संपत्ति पर 30% टैक्स लगाने का फैसला बेहद प्रगतिशील है. यह भारत में क्रिप्टो एसेट को कानूनी मान्यता देने की दिशा में पहला कदम है. बहुत से निवेशकों के लिए टैक्स की घोषणा एक तरह से मिला-जुला अनुभव था.

टैक्स की 30% की ऊंची दर लगभग जुए के लाभ से जुड़ी दरों के समान है. टैक्स की इतनी ऊंची दर बहुत से निवेशकों को क्रिप्टो में निवेश करने से रोकेगी. इसकी वजह है कि पारंपरिक निवेश के विकल्पों में टैक्स की कम दर ज्यादातर निवेशकों को आकर्षित करती है.

टैक्स की इतनी ऊंची दर क्या बहुत से निवेशकों को क्रिप्टो कम्यूनिटी में शामिल होने से रोकेगी?

बिल्कुल ऐसा हो सकता है. इस तरह की टैक्स रुकावटें बहुत से निवेशकों को भारतीय एक्सचेंज में निवेश से दूर कर सकती हैं. ऐसे निवेशक अनाम रहते हुए वैश्विक एक्सचेंज का विकल्प चुन सकते हैं, ताकि उन्हें टैक्स भरने की जरूरत ही न रहे. क्रिप्टो दुनिया भर में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. हमारे देश के लिए भी यह बेहतर है कि क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं और निवेशकों को निराश नहीं किया जाए, बल्कि क्रिप्टो निवेशकों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए.

बहुत से बड़े बैंकों ने हाल ही में UPI फंड निलंबित कर दिया है, इस पर अपनी राय बताएं?

यह फैसला नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के इस संदर्भ में एक बयान जारी करने के बाद लिया गया है. बयान में कहा गया था कि उन्हें भारत में यूपीआई इस्तेमाल की अनुमति देने वाले क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. किसी भी तरह की अनियमितता से बचने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज ने निवेशकों के यूपीआई के जरिए पेमेंट पर रोक लगाई है.

हमारा मानना है कि इस निलंबन का असर उन निवेशकों पर गहरे तौर पर पड़ा है, जो क्रिप्टो निवेश के लिए यूपीआई पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं. भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज के लिए निवेशक यूपीआई से पेमेंट करना खास तौर पर पसंद करते हैं. यूपीआई के जरिए पेमेंट आसान और सुविधाजनक तरीका है. अब लगे हालिया प्रतिबंध की वजह से निवेशकों के पास पेमेंट विकल्प का एक आसान और सुविधाजनक तरीका नहीं बचा है.

ZebPay अपने उपयोगकर्ताओं के लिए क्या कुछ रहा है?

क्रिप्टो वैश्विक वित्तीय बाजार का भविष्य है और नए प्रयोगों के लिए भी यह प्रमुख माध्यम है. ZebPay में हम अपने उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित और रुकावटों के बिना ट्रेडिंग अनुभव देते हैं. हम भारतीय क्रिप्टो कम्यूनिटी की मदद के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जुटे हुए हैं. हम यह समझते हैं कि भले ही क्रिप्टो की स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसके बारे में शिक्षा और जानकारी जरूरी है. इसलिए, हम क्रिप्टो निवेश की बारीकियों के बारे में भारतीय दर्शकों को शिक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर पहल और निवेश कर रहे हैं.

यूक्रेन युद्ध के बीच ‘वॉर एनएफटी’ की नीलामी कर रहा है, अल सल्वाडोर बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहा है. क्रिप्टो की दुनिया में आप भारत को कहां देखते हैं?

भारत में लगभग 20 मिलियन लोगों ने 2021 में क्रिप्टो में निवेश करना शुरू किया है. इस वक्त, भारतीयों के पास $5.3 बिलियन की क्रिप्टो संपत्ति है. यह एक स्पष्ट संकेत है कि भारतीयों की रुचि क्रिप्टो में लगातार बढ़ रही है और लोग धीरे-धीरे क्रिप्टो में निवेश की असीमित संभावनाओं को समझ रहे हैं.

प्रस्तावित डिजिटल रूपी (Digital Rupee) के बारे में आपकी क्या राय है और आप इसमें कौन सी खास चीजें देखना चाहेंगे?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही एक केंद्रीय बैंक समर्थित डिजिटल मुद्रा (CBDC) जारी करने वाला है. नए वित्तीय वर्ष में डिजिटल रूपी के जारी किए जाने की उम्मीद है.

अगर यह प्रस्ताव सफल होता है, तो हम बैंकों में जमा कराए गए लेन-देन की मांग में कमी देख सकते हैं. इसके अलावा, सेटलमेंट रिस्क में भी गिरावट आएगी. साथ ही, इससे इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि लेन-देन सीबीडीसी के जरिए होगा न कि बैंक बैलेंस से. यह रीयल टाइम और वैश्विक मानदंडों के मुताबिक कॉस्ट इफेक्टिव पेमेंट तरीकों को भी प्रभावी बनाएगा. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि इससे कोई भारतीय आयातक बिना किसी बिचौलिए के ही एक अमेरिकी निर्यातक को रीयल टाइम में डिजिटल डॉलर में आसानी से भुगतान कर सकेगा.

आपके अनुसार भारत में क्रिप्टो संपत्ति का आदर्श भविष्य क्या है?

आज की स्थिति में नियामकों और क्रिप्टो संगठनों के बीच रस्साकशी चल रही है और इससे स्पष्ट है कि क्रिप्टो मुख्यधारा में शामिल हो रहा है. नियमों के तहत प्रतिबंध तय किया जाना बुरी बात नहीं है. हालांकि, इतना ध्यान रखना चाहिए कि नियमन की वजह से इंडस्ट्री पंगु न बन जाए. ज़्यादा से ज़्यादा देश क्रिप्टो को वैध बना रहे हैं और कुछ तो अल सल्वाडोर के नक्शे-कदम पर चलकर क्रिप्टो को कानूनी दायरे में भी ला रहे हैं. इन बातों से यह स्पष्ट है कि क्रिप्टो भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है. यह कहने की अब जरूरत नहीं है कि क्रिप्टो का भविष्य अब व्यापार, टेक्नोलॉजी और सामान्य अर्थों में कहें, तो समाज के भविष्य से जुड़ा है. हमारा यह भी मानना है कि भविष्य में स्टॉक मार्केट में भी क्रिप्टो की मौजूदगी रहेगी. आने वाले दिनों में हम कॉर्पोरेट क्रिप्टोकरेंसी देख सकते हैं. इस तरीके से, हर कंपनी अपना इकोसिस्टम बना पाएगी, जिसमें उसके कर्मचारी हिस्सा ले सकेंगे. मौजूदा हालात में जिस दर से चीजें आगे बढ़ रही हैं उसे देखते हुए विश्लेषकों का अनुमान है कि क्रिप्टो बाजार 2030 तक तीन गुणा तक ज्यादा विस्तार लेगा. अनुमान के मुताबिक, यह लगभग $5 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है.

वित्त मंत्री ने क्रिप्टो संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक वैश्विक ढांचे की ज़रूरत की बात कही है. आपका क्या मानना है?

क्रिप्टो अपनी मूल विशेषताओं के आधार पर ही सीमाओं में नहीं बंधा है. इस वजह से वैश्विक स्तर पर भी इसे आसानी से अपनाया जा सकता है. इसका मतलब यह भी है कि क्रिप्टो का उपयोग सीमा पार की अवैध गतिविधियों के लिए भी किया जा सकता है. हमारी माननीय वित्त मंत्री ने सही कह है कि एकजुट वैश्विक प्रयास के जरिए ही इन अवैध गतिविधि की आशंका को रोका जा सकता है. एक वैश्विक व्यवस्था होने पर क्रिप्टो संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा. साथ ही, ऐसे वैश्विक व्यवस्था के जरिए यह पक्का किया जा सकेगा कि क्रिप्टो का इस्तेमाल सिर्फ वैध उद्देश्यों के लिए किया जा सके और व्हाइट कॉलर क्राइम पर नकेल लगाई जा सके.

क्रिप्टो टैक्स उभरते भारतीय एनएफटी बाजार को कैसे प्रभावित कर रहा है?

क्रिप्टो संपत्तियों के डे-ट्रेडिंग के उलट इसमें निवेशक एक निश्चित अवधि में कई लेन-देन करते हैं. इसकी तुलना में एनएफटी का कारोबार बहुत कम होता है. 1 जुलाई से लागू होने वाले प्रस्तावित 1% टीडीएस के साथ लाभ पर 30% टैक्स एनएफटी निवेश के लिए एक बड़ी रुकावट के तौर पर काम कर सकता है. हालांकि, यह समझना होगा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग की तुलना में यह कुछ हद तक कम ही रहेगा. एक तथ्य यह भी है कि नुकसान की भरपाई की कमी भी निवेशकों को अपने एनएफटी निवेश के लिए लंबे समय का दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करेगी.

सेलिब्रिटी, क्रिकेटर और ऐसी चर्चित हस्तियां फिलहाल इससे दूर ही नज़र आ रही हैं. अब तक उन्होंने एनएफटी लॉन्च नहीं किया है. क्या उनकी पब्लिक इमेज एनएफटी के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने में मदद करेगी?

हां. प्रभावशाली हस्तियां अगर एनएफटी लॉन्च करती हैं, तो अपने समर्थकों और दूर-दूर तक फैले हुए दर्शकों के बीच एनएफटी को लेकर जागरूकता और निवेश के इरादे को बढ़ाएंगे. एनएफटी जमा की जाने वाली चीजों का अंतिम अवतार है. यह हमेशा मशहूर हस्तियों के प्रशंसकों के बीच पसंदीदा रहा है. लोकप्रिय हस्तियों की वजह से एनएफटी के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल और इसकी पहुंच को आगे ले जाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगी.

सरकार के 30% टैक्स लगाने के फ़ैसले से जुड़े उपयोगकर्ताओं के किसी भी भ्रम को दूर करने के लिए ZebPay कौन से कदम उठाने की सोच रहा है?

ZebPay हमारे उपयोगकर्ताओं को नए क्रिप्टो टैक्स कानूनों और उससे पड़ने वाले सभी प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसके तहत एएमए सेशन का आयोजन करने से लेकर सोशल मीडिया चैनल, निजी स्वामित्व वाले और लाभकारी चैनलों पर जागरूकता बढ़ाने वाला कॉन्टेंट प्रकाशित किया जा रहा है. हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि हमारे उपयोगकर्ता कानूनों के बारे में अच्छी तरह से समझ सकें. उपयोगकर्ता यह भी समझें कि इन कानूनों का उन पर किस तरह से असर पड़ेगा. साथ ही, इन नए कानूनों का पालन कर पाएं, इसमें भी मदद कर रहे हैं. हम अपने उपयोगकर्ताओं के लिए भारत के प्रमुख टैक्स विशेषज्ञों के साथ एक वेबिनार भी आयोजित कर रहे हैं, ताकि हमारे उपयोगकर्ताओं को उनकी शंकाओं और सवालों के जवाब मिल सके.

क्या आप क्रिप्टो पर टैक्स लगाने के कुछ वैश्विक उदाहरण दे सकते हैं, जिन्हें भारत में भी लागू किया जा सकता है?

नए क्रिप्टो कानून सही दिशा में उठाए गए कदम हैं. हमारा मानना है कि आदर्श तरीका होगा कि क्रिप्टो निवेश को पारंपरिक निवेश के तौर पर ही समझा जाए. निवेशकों, इंडस्ट्री और देश के तौर पर निष्पक्ष बर्ताव की बात करें, तो अमेरिका इसका बेहतरीन उदाहरण है. क्रिप्टो निवेश पूंजीगत लाभ टैक्स कानूनों के तहत इक्विटी निवेश के समान है. कानूनों के तहत, नुकसान को समायोजित करने और इसे आगे लेकर जाने की अनुमति है. इन सबके ज़रिए निवेशकों को क्रिप्टो संपत्तियों पर विविधता से भरा निवेश पोर्टफ़ोलियो बनाने में मदद मिलती है और वह भी भारी टैरिफ के बोझ के बिना. सबसे ज़रूरी बात यह है कि निवेशकों को इससे क्रिप्टो संपत्तियों में व्यापार करने में किसी तरह की रुकावट का सामना नहीं करना पड़ता है.

हमें खुशी है कि इस पूरी बातचीत के ज़्यादातर हिस्से क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक अच्छे भविष्य की ओर इशारा करते हैं. हम अब से और ज़्यादा उत्सुकता के साथ इससे जुड़े समाचारों पर ध्यान देंगे. आपके लिए खास जानकारी, अगर आपके पास अब तक अपना क्रिप्टो अकाउंट नहीं है, तो ZebPay पर अकाउंट खोलने के लिए सबसे अच्छा समय है.

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Tags: Crypto, Cryptocurrency

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