बुरी खबर : रोडवेज कर्मचारी कल से करेंगे दो दिन की हड़ताल, नहीं चलेंगी बसें


नई दिल्‍ली. सेंट्रल ट्रेड यूनियनों (Central Trade Unions  ) द्वारा 28 और 29 मार्च को किए गए भारत बंद आह्वान का समर्थन हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की 10 यूनियनों ने किया है. इन यूनियनों ने कहा है कि 28 और 29 मार्च को हरियाणा में सरकारी बसों का परिचालन पूरी तरह से ठप रहेगा. हरियाणा रोडवेज (Haryana Roadways) को हरियाणा की लाइफ लाइन माना जाता है. बसें बंद होने से लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा.

अधिकतर यूनियनों के हड़ताल में शामिल होने से बसों का संचालन बाधित होना तय है. हड़ताल को सफल बनाने के लिए कर्मचारी संगठनों के साझा मोर्चा ने कड़ा फैसला लिया है और कहा है कि यदि यूनियनों का कोई पदाधिकारी या रोडवेज कर्मी हड़ताल में शामिल नहीं होता है तो उसे यूनियनों से बर्खास्त कर दिया जाएगा.

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हरियाणा रोडवेज की हड़ताल (Haryana Roadways strike) का असर न केवल हरियाणा में होगा बल्कि एनसीआर, पंजाब, राजस्‍थान और हिमाचल प्रदेश पर भी होगा. ऐसा इसलिए होगा क्‍योंकि हरियाणा रोडवेज इन राज्‍यों के विभिन्‍न प्रमुख शहरों के लिए भी हरियाणा के विभिन्‍न शहरों से बसें चलाती हैं. हरियाणा रोडवेज के बेड़े में बढिया बसें शामिल हैं तथा ये अपने टाइम टेबल का पालन बहुत सख्‍ती से करती हैं. इसलिए यात्री इन्‍हें यात्रा करने के लिए प्राथमिकता देते हैं.

कर्मचारियों की ये है मांग

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी जहां केंद्र की कथित निजीकरण की नीतियों को बंद करने की मांग कर रहे हैं, वहीं हरियाणा रोडवेज यूनियनें स्टेज कैरिज पॉलिसी 2016 को रद्द करके विभाग में 10 हजार नई बसें खरीदने, पुरानी पेंशन नीति बहाल करने, परिचालकों व लिपिकों का पे ग्रेड बढ़ाने, 1992 से 2002 के चालक, परिचालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करना, चालकों को अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित करके प्रमोशन करने और एचआरईसी गुरुग्राम के ठेकेदार प्रथा पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.

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हरियाणा रोडवेज कर्मचारी वर्कर्स यूनियन के राज्य महासचिव शरबत सिंह पूनिया ने कहा कि कर्मचारियों की मुख्य मांग निजीकरण पर रोक लगाने और पुरानी पेंशन की बहाली है. उन्होंने कहा कि सरकार स्टेट कैरेज स्कीम, किलोमीटर स्कीम व एबीसी श्रेणी के तहत बड़े पैमाने पर रूट परमिट देने के लिए निजीकरण के अलग-अलग हथकंडे अपना रही है.

Tags: Public Transportation, Strike

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