बग्गा ने सुनाई गिरफ्तारी की दास्तां: 10 गाड़ियों में आए थे 50 पुलिसवाले, मेरे साथ हुआ आतंकवादी जैसा सलूक


भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चेतावनी दी कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक कश्मीरी पंडितों पर दिए गए अपने बयान पर केजरीवाल माफी नहीं मांग लेते। बग्गा ने पंजाब पुलिस की शुक्रवार की कार्रवाई की गैर-कानूनी करार दिया है। उनका आरोप था कि पंजाब पुलिस ने उनके साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया है।

 

इससे पहले बग्गा दिन भर चले हंगामे के बाद शुक्रवार देर रात बग्गा जनकुपरी अपने आवास पर पहुंचे। इस बीच पहले पंजाब पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, हरियाणा पुलिस की मदद से दिल्ली पुलिस ने करूक्षेत्र में उनको अपने कब्जे में ले लिया। उनको रात में ही पुलिस ने गुरूग्राम स्थित आवास पर द्वारका अदालत की मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। इसके बाद वह वह अपने घर पहुंचे थे। 

 

शनिवार सुबह मीडिया से बात करते हुए बग्गा ने कहा कि पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को आतंकवादी की तरह गिरफ्तार किया। उनको पुलिस ने वारंट भी नहीं दिखाया। वहीं, पगड़ी पहन लेने की गुजारिश को भी अनसुना कर दिया। करीब आठ पुलिस कर्मियों ने उठाकर अपने वाहन में डाल दिया। उसने मुझे अगवा कर लिया था। बग्गा ने कहा कि दस गाड़ियों में करीब 50 पुलिसकर्मी उनके घर पर आए थे। इसे सीसीटीवी में भी देखा जा सकता है। उनका आरोप है कि यह संकेत मिलता है कि जो भी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलेगा, उसके साथ आतंकी जैसा सलूक किया जाएगा। 

बग्गा ने आम आदमी पार्टी व मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह कश्मीर फाइल्स पर मुख्यमंत्री के बयान का विरोध करते रहेंगे। उनके इस बयान से कश्मीरी पंडितों को अपमान हुआ है। मुख्यमंत्री को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा का मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन

प्रदेश भाजपा ने शनिवार को सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास तजिंदरपाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी का विरोध प्रदर्शन किया। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा समेत पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे। इस दौरान भारी संख्या में मौके पर मौजूद दिल्ली पुलिस से भाजपा नेताओं की कहासुनी भी हुई। पुलिस ने पूर्व सूचना के प्रदर्शन करने पहुंचे भाजपा नेताओं को वापस लौटने की सलाह दी। इसका भाजपा नेताओं से विरोध किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री, आप और पंजाब पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। बातचीत न बनने पर पुलिस ने कार्रवाई की और सिरसा समेत दूसरे कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। बाद में सभी को छोड़ दिया गया। 



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