बप्पी लहिरी का मंगलवार रात (15 फरवरी) को निधन हुआ। उनके दामाद गोविंद बंसल तब वहीं मौजूद थे। गोविंद बंसल ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के साथ बातचीत में बताया कि बप्पी दा का निधन कैसे हुआ और उससे कुछ देर पहले तक उनकी कैसी हालत थी।
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दामाद गोविंद बंसल ने बताया क्या हुआ था
गोविंद बंसल ने फोन पर बताया, ‘दादा चार हफ्तों से हॉस्पिटल में एडमिट थे। तीन दिन पहले घर पर आ गए थे। एकदम फर्स्ट क्लास (ठीक) हो गए थे। उसके बाद दूसरे दिन शाम को उन्हें सुस्ती सी महसूस हो रही थी। अच्छा नहीं लग रहा था। उसके बाद शाम को हम खाना खा रहे थे। मेरी वाइफ, मदर-इन लॉ और सबने डिनर किया। खाना खाने के बाद सब आराम से बैठे थे। तब उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। 10 मिनट में ही उन्हें कार्डियक अरेस्ट हो गया। उनका पल्स रेट एकदम कम हो गया था। फिर डॉक्टर घर आए, उन्होंने चेक किया। उसके बाद उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए। उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की। लेकिन बचाया नहीं जा सका।’
हॉस्पिटल जाते वक्त उखड़ने लगी थी सांस
गोविंद बंसल ने आगे बताया कि जिस वक्त बप्पी दा का निधन हुआ, उसक वक्त उनके पास पत्नी के साथ वह खुद, बेटा स्वास्तिक बंसल और सास (बप्पी लहिरी की पत्नी) मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल ले जाते वक्त बप्पी दा की सांस बिल्कुल उखड़ने लगी थी। वह बोले, ‘दादा की सांस एकदम कमजोर हो गई थी। हम लोगों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की पर भगवान को यही मंजूर था। यह हमारे बहुत ही दुख भरा दिन है। दादा ने हम सभी को, पूरे देश को एंटरटेन किया। सभी लोग उनसे बेहद प्यार करते थे।’
बताया जा रहा है कि बप्पी लहिरी पिछले साल जब कोरोना की चपेट में आए थे तो उसके बाद से ही उनकी तबीयत नासाज रहने लगी थी। वह कोरोना से तो उबर गए थे, पर सेहत ढलने लगी थी।
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हमेशा याद आएंगे बप्पी दा
बप्पी लहिरी ने 70 से लेकर 80 और 90 के दशक में लोगों को अपने गानों से खूब एंटरटेन किया था। उन्होंने ही भारतीय सिनेमा को डिस्को म्यूजिक से रूबरू कराया। बप्पी दा ने ही भारतीय सिनेमा में synthesized disco म्यूजिक को पॉप्युलर किया था। बप्पी लहिरी को संगीत विरासत में मिला था। उनके पिता अपरेश लहिरी बंगाल के मशहूर सिंगर थे। 3 वर्ष की उम्र से तबला बजाने वाले बप्पी लहिरी ने ढेरों ब्लॉकबस्टर गाने दिए। वह तबला के अलावा Bongos, गिटार, सेक्सोफोन, पियानो, ड्रम और ढोलक बजाने में भी निपुण थे। बप्पी लहिरी के जाने से म्यूजिक इंडस्ट्री को भारी क्षति हुई है और इसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी।