सावधान: कल किसी भी समय धरती से टकरा सकता है जियोमैग्नेटिक तूफान, सूर्य की सतह पर होंगे विस्फोट


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 30 Mar 2022 12:13 PM IST

सार

 इस तूफान की वजह से धरती का बाहरी सतह गर्म हो सकता है, जिससे सैटलाइट्स पर असर होता है। इसके असर से जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है।

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कोलकाता स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान ने संभावना जताते हुए कहा कि सूरज से निकली जियोमैग्नेटिक तूफान (Geomagnetic Storm) कल यानी गुरुवार को किसी भी वक्त धरती से टकरा सकता है। इसकी वजह से कुछ समय के लिए सेलफोन नेटवर्क, सैटेलाइट टीवी और पावर ग्रिड बंद हो सकते हैं। ब्लैक आउट की भी संभावना बन सकती है। 

जानें क्या है जियोमैग्नेटिक तूफान
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा अध्ययन के मुताबिक सूर्य की सतह पर बड़े पैमाने पर भारी विस्फोट होते हैं, जिसके दौरान कुछ हिस्से बेहद चमकीले प्रकाश के साथ भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं जिसे सन फ्लेयर कहा जाता है। जिसमें अंतरिक्ष में कई मिलियन मील प्रति घंटे की गति से एक अरब टन के बराबर चुंबकीय ऊर्जा निकलती है, जिससे सूर्य की बाहरी सतह का कुछ हिस्सा खुल जाता है और इसी छिद्र से ऊर्जा निकलने लगती हैं और यह आग के गोले की तरह दिखते हैं। अगर यही ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती रहे तो इससे बहुत छोटे न्यूक्लियर कण भी निकलने लगते हैं जो ब्रह्मांड में फैल जाते हैं, जिसे जियोमैग्नेटिक तूफान कहा जाता है।

28 मार्च को सोलर फ्लेयर्स जारी किए गए थे
28 मार्च को सूर्य पर सक्रिय क्षेत्रों 12975 और 12976 से सोलर फ्लेयर्स जारी किए गए थे। केंद्र ने कहा कि चूंकि ये फ्लेयर्स पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं, इसलिए कोरोनल मास इजेक्शन प्रेरित मध्यम भू-चुंबकीय तूफान की संभावना है। केंद्र ने एक ट्वीट में कहा कि हमारा मॉडल फिट 31 मार्च को 496-607 किमी / सेकंड के बीच की गति के साथ पृथ्वी के प्रभाव की बहुत अधिक संभावना को दर्शाता है। 

अगर जियोमैग्नेटिक तूफान धरती से टकराएगा तो क्या होगा?
जियोमैग्नेटिक तूफान धरती से टकराने का प्रभाव उसके दिशा पर निर्भर करता है। अगर ये तूफान सूर्य की सतह से पृथ्वी की तरफ विस्फोट होगा तब इससे निकलने वाली ऊर्जा वहां  असर  तो डालती है लेकिन लोगों को क्षति पहुंचने की संभावना न के बराबर होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, सूरज से निकलने वाले रेडिएशन से आम लोगों को पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बचाता है लेकिन फिर भी कुछ भागों पर इसका प्रभाव पड़ता है। धरती के गर्भ से निकलने वाली चुंबकीय शक्तियां जिससे वायुमंडल के आसपास एक कवच बन जाता है जो कि इसके रेडिएशन को काफी हद तक कम कर देता है।

विस्तार

कोलकाता स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान ने संभावना जताते हुए कहा कि सूरज से निकली जियोमैग्नेटिक तूफान (Geomagnetic Storm) कल यानी गुरुवार को किसी भी वक्त धरती से टकरा सकता है। इसकी वजह से कुछ समय के लिए सेलफोन नेटवर्क, सैटेलाइट टीवी और पावर ग्रिड बंद हो सकते हैं। ब्लैक आउट की भी संभावना बन सकती है। 

जानें क्या है जियोमैग्नेटिक तूफान

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा अध्ययन के मुताबिक सूर्य की सतह पर बड़े पैमाने पर भारी विस्फोट होते हैं, जिसके दौरान कुछ हिस्से बेहद चमकीले प्रकाश के साथ भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं जिसे सन फ्लेयर कहा जाता है। जिसमें अंतरिक्ष में कई मिलियन मील प्रति घंटे की गति से एक अरब टन के बराबर चुंबकीय ऊर्जा निकलती है, जिससे सूर्य की बाहरी सतह का कुछ हिस्सा खुल जाता है और इसी छिद्र से ऊर्जा निकलने लगती हैं और यह आग के गोले की तरह दिखते हैं। अगर यही ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती रहे तो इससे बहुत छोटे न्यूक्लियर कण भी निकलने लगते हैं जो ब्रह्मांड में फैल जाते हैं, जिसे जियोमैग्नेटिक तूफान कहा जाता है।

28 मार्च को सोलर फ्लेयर्स जारी किए गए थे

28 मार्च को सूर्य पर सक्रिय क्षेत्रों 12975 और 12976 से सोलर फ्लेयर्स जारी किए गए थे। केंद्र ने कहा कि चूंकि ये फ्लेयर्स पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं, इसलिए कोरोनल मास इजेक्शन प्रेरित मध्यम भू-चुंबकीय तूफान की संभावना है। केंद्र ने एक ट्वीट में कहा कि हमारा मॉडल फिट 31 मार्च को 496-607 किमी / सेकंड के बीच की गति के साथ पृथ्वी के प्रभाव की बहुत अधिक संभावना को दर्शाता है। 

अगर जियोमैग्नेटिक तूफान धरती से टकराएगा तो क्या होगा?

जियोमैग्नेटिक तूफान धरती से टकराने का प्रभाव उसके दिशा पर निर्भर करता है। अगर ये तूफान सूर्य की सतह से पृथ्वी की तरफ विस्फोट होगा तब इससे निकलने वाली ऊर्जा वहां  असर  तो डालती है लेकिन लोगों को क्षति पहुंचने की संभावना न के बराबर होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, सूरज से निकलने वाले रेडिएशन से आम लोगों को पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बचाता है लेकिन फिर भी कुछ भागों पर इसका प्रभाव पड़ता है। धरती के गर्भ से निकलने वाली चुंबकीय शक्तियां जिससे वायुमंडल के आसपास एक कवच बन जाता है जो कि इसके रेडिएशन को काफी हद तक कम कर देता है।





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