क्या होती है गारंटी?
गारंटी और वारंटी बहुत अंतर होता है। गारंटी का सीधा मतलब होता है कि अगर उसके द्वारा बेचे गए किसी भी प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है तो कंपनी तुरंत इंजीनियर भेजकर उसे सही करवा देगी। गारंटी की समय सीमा के अंदर अगर कोई मैन्युफैक्चरिंग फॉल्ट होता है तो उसे वापस तक भी ले लिया जाएगा। इसके बदले में ग्राहक को दूसरा प्रोडक्ट दिया जाएगा।
क्या होती है वारंटी?
वारंटी का मतलब होता है कि एक बार बेचा गया कोई भी प्रोडक्ट वापस नहीं लिया जाएगा। भले ही उसमें कोई भी फॉल्ट हो। कंपनी केवल उसे रिपेयर करवाने के लिए ही जिम्मेदार होती है। भले ही उसमें छोटा पार्ट लगे या फिर बड़ा उसके बदले कस्टमर को कोई भुगतान नहीं करना होता है। अगर किसी भी प्रोडक्ट पर वारंटी शब्द लिखा हुआ है तो इसका मतलब है कि उसे सिर्फ रिपेयर ही करवाया जा सकता है, वापस नहीं किया जाएगा।
गारंटी या वारंटी लेते समय क्या ध्यान रखना है जरूरी?
दोनों ही केस में कस्टमर के पास अपने खरीदे हुए सामान का पक्का बिल होना चाहिए। इस बिल पर सामान खरीदने की तारीख, कीमत और नाम मेंशन होना जरूरी है। अब कई कंपनियां ऑनलाइन बुकिंग की भी सुविधा दे रही हैं। आप किसी भी प्रोडक्ट की ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं। इसके बाद आपको बिल दिखाने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भी बिल रखना जरूरी होता है।