Biden Israel Visit: ईरान को परमाणु संपन्न होने से रोकने के लिए इस्राइल में लापिद से मिले बाइडन


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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइली पीएम यैर लापिद से ईरान के तेजी से बढ़ रहे एटमी कार्यक्रम पर चर्चा की। इस्राइली नेता ने ईरान को एटम संपन्न न होने देने का संकल्प लिया। शुक्रवार को सऊदी अरब दौरे पर रवाना होने से पहले बाइडन ने लापिद से क्षेत्र के एकीकृत होने पर जोर दिया। बाइडन यहां एक साझा घोषणा पर हस्ताक्षर भी करेंगे जिसमें सैन्य सहयोग व ईरान को एटमी हथियार हासिल करने के रोकने की प्रतिबद्धता पर जोर रहेगा।

बाइडन और लापिद के बीच ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए होने वाला साझा संकल्प, विश्व कूटनीति पर अमेरिका व सहयोगियों के बीच लंबे समय से जारी विवादों की एक अहम कार्रवाई होगी। बाइडन ने कहा, वह ईरान के खिलाफ बल के अंतिम उपाय पर खुला रुख रखते थे लेकिन सैन्य खतरे को देखते हुए विश्व शक्तियों पर इस्राइली आह्वान को समायोजित करना जरूरी था। उधर, बाइडन शुक्रवार को सऊदी अरब का दौरा करने जा रहे हैं। यहां भी रियाद की ईरान को लेकर चिंताओं का बाइडन समर्थन करेंगे। 

ईरान से तनाव बढ़ेगा
इन कदमों से ईरान और अमेरिका व सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, मुझे लगता है संयुक्त घोषणा में ईरान को कभी भी एटमी हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अभी तेहरान ने बाइडन के दौरे को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।

कोविड नियमों को परे रख इस्राइली पीएम से गले मिले बाइडन
तेल अवीव। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइल पहुंचकर कोविड-19 की सीमाएं तोड़ते हुए प्रधानमंत्री यैर लापिद से गले लगकर मुलाकात की और पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से हाथ भी मिलाया। जबकि व्हाइट हाउस ने कहा था कि कि बाइडन पश्चिम एशियाई दौरे पर सामाजिक दूरी बनाएंगे।

यहां राष्ट्रपति बाइडन जब विमान से उतरे तो पहले ‘फीस्ट बम्प्स’ (मुट्ठियां टकरा कर) से अभिवादन किया, और इसके तुरंत बाद ही वह इस्राइली पीएम यैर लापिद के गले लग गए और थोड़ी देर तक गले में हाथ भी डाले रहे। बाद में उन्होंने पूर्व पीएम से हाथ मिलाया। बाइडन की सऊदी यात्रा से पहले एक बार फिर निकट संपर्क को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। बाइडन सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से हाथ मिलाएंगे या नहीं इसको लेकर भी कई सवाल हैं, क्योंकि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने शायद एक आलोचक की हत्या किए जाने की अनुमति दी थी।

विस्तार

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइली पीएम यैर लापिद से ईरान के तेजी से बढ़ रहे एटमी कार्यक्रम पर चर्चा की। इस्राइली नेता ने ईरान को एटम संपन्न न होने देने का संकल्प लिया। शुक्रवार को सऊदी अरब दौरे पर रवाना होने से पहले बाइडन ने लापिद से क्षेत्र के एकीकृत होने पर जोर दिया। बाइडन यहां एक साझा घोषणा पर हस्ताक्षर भी करेंगे जिसमें सैन्य सहयोग व ईरान को एटमी हथियार हासिल करने के रोकने की प्रतिबद्धता पर जोर रहेगा।

बाइडन और लापिद के बीच ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए होने वाला साझा संकल्प, विश्व कूटनीति पर अमेरिका व सहयोगियों के बीच लंबे समय से जारी विवादों की एक अहम कार्रवाई होगी। बाइडन ने कहा, वह ईरान के खिलाफ बल के अंतिम उपाय पर खुला रुख रखते थे लेकिन सैन्य खतरे को देखते हुए विश्व शक्तियों पर इस्राइली आह्वान को समायोजित करना जरूरी था। उधर, बाइडन शुक्रवार को सऊदी अरब का दौरा करने जा रहे हैं। यहां भी रियाद की ईरान को लेकर चिंताओं का बाइडन समर्थन करेंगे। 

ईरान से तनाव बढ़ेगा

इन कदमों से ईरान और अमेरिका व सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, मुझे लगता है संयुक्त घोषणा में ईरान को कभी भी एटमी हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अभी तेहरान ने बाइडन के दौरे को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।

कोविड नियमों को परे रख इस्राइली पीएम से गले मिले बाइडन

तेल अवीव। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइल पहुंचकर कोविड-19 की सीमाएं तोड़ते हुए प्रधानमंत्री यैर लापिद से गले लगकर मुलाकात की और पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से हाथ भी मिलाया। जबकि व्हाइट हाउस ने कहा था कि कि बाइडन पश्चिम एशियाई दौरे पर सामाजिक दूरी बनाएंगे।

यहां राष्ट्रपति बाइडन जब विमान से उतरे तो पहले ‘फीस्ट बम्प्स’ (मुट्ठियां टकरा कर) से अभिवादन किया, और इसके तुरंत बाद ही वह इस्राइली पीएम यैर लापिद के गले लग गए और थोड़ी देर तक गले में हाथ भी डाले रहे। बाद में उन्होंने पूर्व पीएम से हाथ मिलाया। बाइडन की सऊदी यात्रा से पहले एक बार फिर निकट संपर्क को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। बाइडन सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से हाथ मिलाएंगे या नहीं इसको लेकर भी कई सवाल हैं, क्योंकि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने शायद एक आलोचक की हत्या किए जाने की अनुमति दी थी।



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