देश की सुरक्षा के लिए बजट में बड़ी घोषणाएं, सेना को सशक्त बनाने आत्मनिर्भर बनने पर दिया जाएगा जोर



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद भवन में आज वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने रक्षा के क्षेत्र में आयात घटाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में शोध एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट सेक्टर, स्टार्ट-अप कंपनियों और शिक्षा जगत की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि 25 फीसदी आरएंडडी बजट के साथ डिफेंस आरएंडडी को इंडस्ट्री, स्टार्टअप्स और एकेडेमिक्स के लिए खोला जाएगा। सैन्य उपकरण बनाने के लिए प्राइवेट इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस दौरान प्राइवेट कंपनी डीआरडीओ (DRDO) और दूसरे संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर सकेंगी। डीआरडीओ को 25 फीसद अधिक धनराशि दी जाएगी।

पिछले साल के मुकाबले इस साल कैपिटल प्रॉक्योरमेंट बजट घरेलू इंडस्ट्री के लिए 10 फीसदी ज्यादा रखा गया है, साल 2022-23 में डिफेंस में 68 फीसदी रखा गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 58 फीसदी था। इसका मतलब अगले वित्त वर्ष में 68 फीसदी खरीदारी घरेलू इंडस्ट्री से की जाएगी।

आत्मनिर्भर बनना है जरुरी 

भारत रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक (importer) है और किसी भी देश को मजबूत बनने के लिए डिफेंस को मजबूत करना जरुरी है। पिछले साल सरकार ने रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपये का रखा था। उससे पहले साल 2020-2021 में यह बजट 4.71 लाख करोड़ रुपये था। 

उधर, पिछले कुछ समय से पड़ोसी देश चीन भी एलएसी (LAC) पर भारत को आंख दिखा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए इस बार रक्षा बजट में अच्छी बढ़ोतरी का अंदाजा लगाया जा सकता है।  
 

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