सपा विधायक को बड़ा झटका: पेट्रोल पंप गिराने के बाद एक और बड़ी कार्रवाई, सीएम के खिलाफ टिप्पणी करना पड़ रहा भारी


सार

सपा विधायक के गिराए जा चुके पेट्रोल पंप की एनओसी भी रद्द कर दी गई है। डीएम ने जांच कराने के बाद कार्रवाई की है। सीलिंग की जमीन पर पेट्रोल पंप बनाने की जांच जारी है। शहजिल इस्लाम पर एनओसी के लिए कई तथ्य छिपाने का आरोप है।

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सपा विधायक शहजिल इस्लाम के परसाखेड़ा में पेट्रोल पंप की एनओसी भी सोमवार को डीएम ने निरस्त कर दी। प्रशासन के मुताबिक जांच में कई तथ्यों को छिपाकर पेट्रोल पंप चलाने की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। दस्तावेजों में भी कई गड़बड़ियां मिली हैं। यह जांच अभी जारी है कि पेट्रोल पंप सीलिंग की जमीन पर बनाया गया था या नहीं।

विधायक निर्वाचित होने के बाद एक स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विधानसभा में विपक्ष पर दबाव बनाने पर बंदूकों से गोलियां चलने जैसे विवादित बोल बोलने के बाद शहजिल इस्लाम निशाने पर आ गए हैं। चार दिन पहले बीडीए ने परसाखेड़ा में उनका पेट्रोल पंप नक्शा स्वीकृत न कराने की वजह से गिरा दिया था। बीडीए उपाध्यक्ष ने इसके साथ डीएम को पत्र लिखकर पेट्रोल पंप की एनओसी की शर्तों और उनके अनुपालन की जांच कराने को कहा था।

बीडीए उपाध्यक्ष ने इस पत्र में उल्लेख किया था कि शहजिल इस्लाम ने 2019 में परसाखेड़ा में पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। बीडीए ने इसकी एनओसी नहीं दी थी। पेट्रोल पंप का नक्शा भी स्वीकृत नहीं किया, फिर भी दूसरे विभागों से सांठगांठ कर एनओसी लेकर जुलाई 2020 से पेट्रोल पंप शुरू कर दिया गया। 

डीएम ने इसके बाद पेट्रोल पंप की फाइल तलब करने के साथ एनओसी देने वाले विभागों से भी जवाब मांगा था। विभागों से मिली रिपोर्ट में बताया गया कि एनओसी के लिए शहजिल इस्लाम की ओर से दिए गए दस्तावेजों में तथ्य छिपाए गए हैं। इसमें नक्शा स्वीकृत न होने और सीलिंग की जमीन का मामला कोर्ट में होने जैसी जानकारी नहीं भी नहीं दी गई। दी। इसके बाद डीएम ने एनओसी को निरस्त कर दिया। इसके बाद सीलिंग का मामला कोर्ट में होने के बावजूद पेट्रोल पंप चलाने की अनुमति देने वाले अफसर भी सवालों के घेरे में हैं।
बीडीए उपाध्यक्ष का पत्र प्राप्त होने के बाद फाइल की जांच कराई गई। विभागों से पता चला है कि कई तथ्य छिपाकर अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था। इसी आधार पर एनओसी निरस्त कर दी गई है। 
– शिवाकांत द्विवेदी, डीएम बरेली

अब नावल्टी चौराहे पर बने मार्केट को सील करने की तैयारी
सपा विधायक शहजिल इस्लाम का नावल्टी चौराहे के पास वक्फ की जमीन पर बना मार्केट भी सील हो सकता है। अंदेशा है कि मार्केट का निर्माण मानचित्र स्वीकृत कराए बिना किया गया है। बीडीए इस मार्केट को नोटिस जारी कर चुका है। 

बीडीए रविवार को शहजिल इस्लाम की कुछ और संपत्तियों को नोटिस जारी करने के बाद अब नावल्टी चौराहे के पास स्थित उनके मार्केट को सील करने की तैयारी में है। बीडीए पीलीभीत बाईपास पर बनी एक कॉलोनी, वहीं नई मस्जिद के पास तीन बीघे में बनी एक कोठी, सेटेलाइट चौराहा, डोहरा रोड और बीसलपुर तिराहे के पास स्थित बरातघर के अलावा नावल्टी चौराहे पर वक्फ की जमीन पर बने मार्केट को नोटिस जारी कर चुका है। 

बताया जा रहा है कि मार्केट का निर्माण चूंकि मानचित्र स्वीकृत कराए बगैर कराया गया है, इसलिए उसे सील किया जाएगा। ऐेसे में मार्केट के दुकानदारों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी।
 

विस्तार

सपा विधायक शहजिल इस्लाम के परसाखेड़ा में पेट्रोल पंप की एनओसी भी सोमवार को डीएम ने निरस्त कर दी। प्रशासन के मुताबिक जांच में कई तथ्यों को छिपाकर पेट्रोल पंप चलाने की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। दस्तावेजों में भी कई गड़बड़ियां मिली हैं। यह जांच अभी जारी है कि पेट्रोल पंप सीलिंग की जमीन पर बनाया गया था या नहीं।

विधायक निर्वाचित होने के बाद एक स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विधानसभा में विपक्ष पर दबाव बनाने पर बंदूकों से गोलियां चलने जैसे विवादित बोल बोलने के बाद शहजिल इस्लाम निशाने पर आ गए हैं। चार दिन पहले बीडीए ने परसाखेड़ा में उनका पेट्रोल पंप नक्शा स्वीकृत न कराने की वजह से गिरा दिया था। बीडीए उपाध्यक्ष ने इसके साथ डीएम को पत्र लिखकर पेट्रोल पंप की एनओसी की शर्तों और उनके अनुपालन की जांच कराने को कहा था।

बीडीए उपाध्यक्ष ने इस पत्र में उल्लेख किया था कि शहजिल इस्लाम ने 2019 में परसाखेड़ा में पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। बीडीए ने इसकी एनओसी नहीं दी थी। पेट्रोल पंप का नक्शा भी स्वीकृत नहीं किया, फिर भी दूसरे विभागों से सांठगांठ कर एनओसी लेकर जुलाई 2020 से पेट्रोल पंप शुरू कर दिया गया। 

डीएम ने इसके बाद पेट्रोल पंप की फाइल तलब करने के साथ एनओसी देने वाले विभागों से भी जवाब मांगा था। विभागों से मिली रिपोर्ट में बताया गया कि एनओसी के लिए शहजिल इस्लाम की ओर से दिए गए दस्तावेजों में तथ्य छिपाए गए हैं। इसमें नक्शा स्वीकृत न होने और सीलिंग की जमीन का मामला कोर्ट में होने जैसी जानकारी नहीं भी नहीं दी गई। दी। इसके बाद डीएम ने एनओसी को निरस्त कर दिया। इसके बाद सीलिंग का मामला कोर्ट में होने के बावजूद पेट्रोल पंप चलाने की अनुमति देने वाले अफसर भी सवालों के घेरे में हैं।



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