पुर्तगाल में Bison Bank बना वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर


पुर्तगाल में Bison Bank को वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर (VASP) के तौर पर सर्विसेज देने के लिए लाइसेंस मिला है। पुर्तगाल के Banco de Portugal कहे जाने वाले सेंट्रल बैंक ने यह लाइसेंस दिया है। Bison Bank एक नई डिविजन बनाएगा जो वर्चुअल एसेट एक्सचेंज का इसका बिजनेस भी संभालेगी। पुर्तगाल में सेंट्रल बैंक की ओर से किसी बैंक को क्रिप्टो सर्विसेज के लिए दी गई यह पहली अनुमति है।

एक अनुमान के अनुसार, पुर्तगाल में 2.40 लाख से अधिक लोगों के पास पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसी थी, यह पुर्तगाल की जनसंख्या का लगभग 2.37 प्रतिशत है। इससे पहले पुर्तगाल में दो क्रिप्टो एक्सचेंजों और एक क्रिप्टो पेमेंट्स फर्म को सेंट्रल बैंक से VASP लाइसेंस मिला था। Banco de Portugal ने एक स्टेटमेंट में बताया है कि ये फर्में वर्चुअल एसेट्स के स्टोरेज और एडमिनिस्ट्रेशन के लिए जिम्मेदार होंगी। पिछले कुछ वर्षों में पुर्तगाल ने क्रिप्टो से जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए कानून पारित किए हैं। क्रिप्टोकरेंसी को एक एसेट के बजाय करेंसी की तरह मानने वाले पुर्तगाल में क्रिप्टोकरेंसी से प्रॉफिट पर कोई कैपिटल गेन्स या इनकम टैक्स नहीं है, अगर ये किसी व्यक्ति की इनकम का एकमात्र जरिया है। 

इसके अलावा पुर्तगाल में ब्लॉकचेन सेगमेंट को भी बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। एक अन्य देश ब्राजील भी क्रिप्टो से जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रहा है। ब्राजील की नेशनल कांग्रेस इस वर्ष की पहली छमाही में क्रिप्टो रेगुलेटरी बिल को अप्रूवल दे सकती है। ब्राजील में क्रिप्टो से जुड़ा कानून लागू होने के बाद क्रिप्टो माइनर्स को टैक्स इंसेंटिव दिए जाएंगे। इसके साथ ही क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को कारोबार करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। इससे क्रिप्टोकरेंसीज के जरिए गैर कानूनी गतिविधियों को रोका जा सकेगा। 

ब्राजील में सीनेट के अध्यक्ष Rodrigo Pacheco इसी महीने क्रिप्टो से जुड़े बिल को वोटिंग के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं। इस बिल को दो सीनेटर तैयार कर रहे हैं। इनमें से एक Irajá Abreu ने बताया, “सेंट्रल बैंक की टेक्निकल टीम इसमें काफी मदद कर रही है।” ब्राजील में पिछले वर्ष लगभग एक करोड़ लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसीज होने का अनुमान था। क्रिप्टो के गलत इस्तेमाल को रोकने की अथॉरिटीज कोशिश कर रही हैं और इसी वजह से जल्द कानून लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस कानून का उल्लंघन करने वालों को चार से आठ वर्ष की जेल हो सकती है। 

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