राजौरा ने अपनी शिकायत में कहा है कि राम गोपाल वर्मा ने जो ट्वीट किया था वह आक्रामक, अप्रिय और द्वेष की भावना से किया गया है और इसका उद्देश्य Draupadi Murmu की इमेज को खराब करना था। राजौरा ने यह शिकायत बांद्रा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में की है। इस शिकायत में राम गोपाल वर्मा पर मानहानि, जानबूझ कर बेइज्जत करने और शांतिभंग करने के आरोप लगाए गए हैं। राम गोपाल वर्मा ने यह ट्वीट 22 जून को किया था।
क्या बोले थे राम गोपाल वर्मा?
अपने इस ट्वीट में Ram Gopal Varma ने लिखा, ‘अगर द्रौपदी राष्ट्रपति हैं तो पांडव कौन हैं? और सबसे जरूरी बात, कौरव कौन हैं?’ हालांकि इस ट्वीट पर सोशल मीडया में काफी होने के बाद राम गोपाल वर्मा ने कहा कि वह किसी को आहत नहीं करना चाहते थे। उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘यह बयान वैसे ही दिया गया था, इसका कुछ गलत इरादा नहीं था। द्रौपदी महाभारत की मेरी सबसे पसंदीदा किरदार है लेकिन जैसा कि यह नाम बहुत कम रखा जाता है तो मुझे अन्य किरदार याद आ गए। मैंने यह किसी को आहत करने के इरादे से नहीं लिखा था।’
राजौरा ने शिकायत में क्या कहा?
राजौरा ने अपनी शिकायत में कहा, ‘राम गोपाल वर्मा का ट्वीट अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान करता है। वह हमेशा खबरों में बने रहने के लिए सोशल मीडिया पर ऐसे विवादित बयान देते रहते हैं और झारखंड की पूर्व गवर्नर और सीनियर नेता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं।’ हालांकि इससे पहले राजौरा की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया। अब कोर्ट इस मामले पर 10 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।