BPSC 2022: आखिरी दो महीनों में प्रीलिम्स की तैयारी के लिए अपनाएं ये जरूरी टिप्स


बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC ने हाल ही में 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा की तारीख घोषित की थी। ये परीक्षा पहले जनवरी 2022 में होने वाली थी लेकिन अब ये परीक्षा (BPSC 67th Combined Competitive Prelims Exam) 30 अप्रैल 2022 को निर्धारित है। बीपीएससी ने इस बार सभी सर्विसेज के लिए 726 पदों पर वैकेंसी निकाली है जिसमें 228 पद महिलाओं के लिए आरक्षित है और पुरूषों के लिए 498 पद हैं। 67वीं परीक्षा में 66वें के मुकाबले सीटों में काफी इजाफा देखने को मिला है जहां 67वीं में 726, वहीं 66वें परीक्षा में केवल 562 पदों पर बीपीएससी ने वेकैंसी निकाली थी।

67वीं प्रीलिम्स परीक्षा में लगभग दो महीने से भी कम का समय बचा है और छात्र अपना सिलेबस भी पूरा कर चुके हैं। ऐसे में आवश्यकता है बेहतर रिवीजन की और बेहतर रिविजन के लिए आवश्यक है बेहतर टिप्स। नीचे दिए गए टिप्स (BPSC Preparation Tips) में आप जानेंगे कि आखिरी दो महीनों में कैसे प्रीलिम्स के लिए बेहतर रिवीजन किया जा सकता है।

BPSC Exam Preparation Tips: इन टिप्स की मदद से करें तैयारी

डेली करंट अफेयर्स

प्रीलिम्स परीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है करंट अफेयर्स का डेली रिविजन। छात्र कोई भी मैगज़ीन इस्तेमाल कर सकते हैं और करंट अफेयर्स का रिवीजन कर सकते हैं। करंट अफेयर्स प्रीलिम्स परीक्षा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है और इसका रिवीजन उससे भी अधिक आवश्यक है। करंट अफेयर्स से लगभग 30-32 प्रश्न बीपीएससी द्वारा हमेशा प्रीलिम्स में पूछे जाते हैं जो परीक्षा का बेहद स्कोरिंग पार्ट भी है।

स्टैंडर्ड बुक्स का दो बार रिवीजन

परीक्षार्थी तैयारी के समय पॉलिटी, हिस्ट्री, साइंस जैसी स्टैंडर्ड बुक्स को अच्छी तरह से पढ़ते हैं लेकिन परीक्षा से कुछ महीने पहले इसका रिवीजन करना भूल जाते हैं। नतीजा प्रीलिम्स एग्जाम क्लीयर नहीं होता। ऐसे में ये आवश्यक है कि परीक्षा से कुछ महीनों पहले सभी विषयों के स्टैंडर्ड बुक्स को अच्छे से दोहरा लिया जाए। रिवीजन करने से सभी विषय रिकॉल हो जाते हैं और साथ ही कॉन्फिडेंस लेवल भी बूस्ट हो जाता है।

ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दें

मॉक टेस्ट परीक्षा से पहले परीक्षार्थियों के लिए एनर्जी बूस्टर का काम करता है। यह परीक्षार्थी को परीक्षा हॉल प्रेशर के लिए तैयार करता है और कमियों को सुधारने का काम भी करता है। परीक्षार्थी को मॉक टेस्ट के दौरान ही यह पता चल जाता है कि किस विषय में उनकी तैयारी कम है और किन क्षेत्रों में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में परीक्षार्थी उन विषयों की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकते हैं। लेकिन साथ ही ये ध्यान रखने योग्य बात है कि मॉक टेस्ट के अंकों को फाइनल अंक समझकर अधिक खुश या निराश नहीं होना चाहिए और इसे केवल तैयारी के रूप में ही शामिल करना चाहिए।

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दो महीने पहले केवल प्री की हो तैयारी

अक्सर परीक्षार्थी प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा की तैयारी साथ साथ करते हैं ताकि सिलेबस ना छूटे और समय की बचत हो। लेकिन आखिरी दो महीनों में यदि मेन्स और प्री की तैयारी एक साथ होगी तो परीक्षार्थियों का समय और एनर्जी दोनों का नुकसान होगा। ऐसे में परीक्षार्थियों को आखिरी दो महीनों में मेन्स की तैयारी बंद कर केवल प्रीलिम्स पर फोकस करना चाहिए।

ये कुछ टिप्स हैं जिनकी सहायता से परीक्षार्थी प्रीलिम्स की तैयारी आखिरी दो महीनों में बेहतर ढंग से कर सकते हैं।

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