बिजनेस आइडिया : इस नई तकनीक के साथ करें खेती, कम जमीन पर अधिक फसल और कमाएं तगड़ा मुनाफा


नई दिल्ली . जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ उनकी आवासीय मांगों को पूरा करने के लिए खेती योग्य भूमि पर भी अब आवास बनाए जाने लगे हैं. ऐसे में एक समय वह भी आ सकता है जब खेती योग्य जमीन काफी कम बच जाएगी लेकिन बड़ी आबादी के कारण खाद्य पदार्थों की मांग भी बढ़ जाएगी. ऐसे में खेती के नए तौर-तरीके अपनाने होंगे.

दुनिया के विभिन्न देश इस नई तकनीक के साथ खेती कर रहे हैं जिसका नाम है वर्टिकल फार्मिंग. भारत में एक कंपनी इस तरह से खेती कर रही हैं. ए एस एग्री एंड एक्वा एलएलपी का एक ऐसा ही प्रोजेक्ट जारी है जिसमें हल्दी की खेती इस पद्धति से की जा रही है. वर्टिकल फार्मिंग में जमीन की कितनी उपजाऊ है यह मायने नहीं रखता क्योंकि यह खेती सीधे जमीन पर नहीं होती.

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क्या है वर्टिकल फार्मिंग
यह एक ऐसी तकनीक है जिसके तहत अगर आप 1 एकड़ भूमि पर खेती करते हैं तो आपको फसल 100 एकड़ के बराबर मिल सकती है. जैसा कि नाम से जाहिर है यह खेती वर्टिकल यानी हिस्सों या खांचों में की जाती है. वर्टिकल फार्मिंग के लिए आपको एक सेट बनाना होता है. इसका तापमान 12 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच संतुलित करना होता है. अब कुछ फुट चौड़े कंटेनर्स में पाइप्स को फिट किया जाता है. अब इसी तरह की लंबी और चौड़ी फॉर्मेशन एक के ऊपर लगाई जाती है. लेकिन सभी कंटेनर्स का ऊपरी हिस्सा खुला रहता है. वर्टिकल फार्मिंग मिट्टी के साथ या उसके बगैर भी की जा सकती है. तापमान को नियंत्रित करने के लिए फॉर्गस लगाए जाते हैं.

कैसे की जाती है वर्टिकल फार्मिंग
अगर वर्टिकल फार्मिंग के जरिए हल्दी उगानी हो तो 10-10 सेमी की दूरी पर जिग-जैग तरीके से हल्दी के बीज बोए जाते हैं. हल्दी के बढ़ते ही इसके पत्ते किनारे की जगह से बाहर की तरक निकल जाते हैं. हल्दी को अधिक धूप की जरूरत नहीं होती इसलिए छाया में भी इसकी अच्छी फसल हो सकती है. हल्दी वर्टिकल फार्मिंग के लिए एक अच्छा उत्पाद है. हल्दी की फसल 9 महीने में तैयार हो जाती है. कटाई के तुरंत बाद दोबारा हल्दी लगाई जा सकती है. यानी यहां साल में एक बार से अधिक बार हल्दी उगाई जा सकती है.

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वर्टिकल फार्मिंग के फायदे
वर्टिकल फार्मिंग मौसम पर निर्भर नहीं होती. यानी आप जब चाहे तब खेती कर सकते हैं. यह खेती पूरी तरह से बंद जगह में होती है, ऐसे में आपकी फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका बहुत कम होती है. ऐसा तभी हो सकता है जब आपका शेड ही क्षतिग्रस्त हो जाए. इस तरह ही खेती में फागर्स में पानी जरुर खर्च होता है लेकिन सिंचाई आदि में पानी की काफी बचत होती है.

Tags: Farming, New Business Idea

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