Women’s Day : तीन स्कीम में निवेश से महिलाओं को मिलेगी आर्थिक मजबूती, पूरा हो सकेगा Financial Goal


नई दिल्ली. महिलाएं अब हर क्षेत्र में सशक्त हो रही हैं. बात चाहे कमाने की हो या स्मार्ट तरीके से निवेश करने की, वे हर पहलुओं के आकलन के बाद ही अपने पैसे खर्च करती हैं. कल यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day)है. ऐसे में मजबूत वित्तीय भविष्य के लिए महिलाओं को तीन उत्पादों में जरूर निवेश करना चाहिए.

हालांकि, निवेश के पहले कई ऐसे पहलू हैं, जिनका आकलन करना जरूरी है. आकलन के बाद निवेश करने से न सिर्फ आपका जोखिम कम होगा बल्कि बेहतर रिटर्न भी मिलेगा. गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से भी निजात मिलेगी.

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फ्लेक्सी फिक्स्ड डिपॉजिट

निवेश सलाहकार स्वीटी मनोज जैन का कहना है कि फ्लेक्सी फिक्स्ड डिपॉजिट (Flexi Fixed Deposits) एक खास तरह की जमा योजना होती है. इसमें जमाकर्ता को अपने डिपॉजिट खाते में मैन्युअल रूप से पैसे जोड़ने की आवश्यकता होती है. इसके जमाकर्ताओं को बचत खातों की तरलता और एफडी के उच्च रिटर्न दोनों का लाभ मिलता है. परिवार की जरूरतों को देखते हुए महिलाओं के खुद का इमरजेंसी फंड होना जरूरी है. आपात स्थिति के लिए महिलाओं को छह महीने के खर्च के बराबर रकम फ्लेक्सी एफडी में जमा रखनी चाहिए.

– खास बात है कि बैंक फ्लेक्सी एफडी में जमा कुल राशि का 90 फीसदी अल्पावधि कर्ज दे देते हैं, जो ऑनलाइन तरीके से आसानी से और जल्द मिल जाता है. ध्यान रखने वाली बात है कि यह शॉर्ट ट्म के लिए निवेश का अच्छा साधन है. हालांकि, तीन साल से अधिक समय तक के वित्तीय लक्ष्यों के ‌लिए यह योजना उतनी कारगर नहीं है.

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सुपर टॉप-अप स्वास्थ्य बीमा

सुपर टॉप-अप स्वास्थ्य बीमा (Super Top-Up Health Insurance) उन महिलाओं के लिए अतिरिक्‍त कवर होता है, जिनके पास पहले से ही कोई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है. यह काफी कम कीमत में मिल जाता है और अतिरिक्त कवर भी होता है. इससे उन बड़ी बीमारियों के इलाज के दौरान काफी राहत मिलती है, जिन पर खर्च 15-20 लाख रुपये आता है. इलाज के बड़े खर्चों से खुद को बचाने के लिए सुपर-टॉप अप स्वास्थ्य बीमा खरीदने की सलाह दी जाती है.

ऐसे समझें गणित

-इसमें किसी बीमारी के इलाज का खर्च जब आपके सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की लिमिट को पार कर जाता है, तब सुपर-टॉप अप काम आता है.

-अगर आपके पास 10 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है, जो आपको पर्याप्त नहीं लगती है. ऐसे में आप 15 लाख रुपये का टॉप-अप लेकर उसका कवर बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर सकते हैं.

-मान लीज‌िए, आप एक साल में तीन बार बीमार हुए. पहली बार में इलाज खर्च 8 लाख रुपये, दूसरी बार में 6 लाख और तीसरी बार में 5 लाख का खर्च आया.

-इसमें पहली बार के इलाज का खर्च स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से कवर होगा. इसके बाद आपके पास दो लाख रुपये बचेगा.

-6 लाख का खर्च होने पर दो लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से और 4 लाख रुपये सुपर टॉप-अप से कटेगा.

-तीसरी बार 5 लाख के इलाज खर्च का पूरा भुगतान आप सुपर टॉप-अप प्लान से कर सकेंगे. इसके बाद भी 6 लाख रुपये का कवर आपके पास बचा रहेगा.

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एनपीएस में एक्टिव इक्विटी विकल्प

पिछले कुछ वर्षों में सेवानिवृत्ति को लेकर महिलाओं की सोच में काफी बदलाव आया है. अब वे सेवानिवृत्ति के बाद घर बैठने के बारे में नहीं सोचती हैं ब‌ल्कि अपनी अधूरी ख्वाहिशें पूरी करने की कोशिश करती हैं. इसके लिए पर्याप्त फंड होना जरूरी है, जो सिर्फ इंप्लाई प्रोविडेंट फंड या पब्लिक प्रोविडेंट फंड जैसे पारंपरिक निवेश से संभव नहीं है. ऐसे में राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में एक्टिव इक्विटी विकल्प (Active equity option in NPS)का चयन कारगर साबित हो सकता है. इसमें निवेश अवधि के दौरान आपका ज्यादातर पैसा इक्विटी में लगता है, जिससे कुल मिलाकर अच्छा रिटर्न मिलता है.

ऐसे समझें आकलन

-आज आपकी उम्र 30 साल है और हर महीने 50,000 रुपये खर्च करते हैं तो 50 साल में सेवानिवृत्त होने पर आपको 3 करोड़ रुपये के फंड की जरूरत होगी. इसके लिए हर महीने 48,000 रुपये निवेश करने होंगे.

-अगर आप अकेले ईपीएफ में हर महीने 25,000 रुपये निवेश करते हैं तो 50 साल में आपके पास 1.58 करोड़ का फंड जमा हो जाएगा. लेकिन, इतनी ही राशि अगर एनपीएस में करते हैं तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब आपके पास 2.50 करोड़ की पूंजी जमा हो जाएगी.

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फ्लेक्सी कैप, मिडकैप और इंडेक्स फंड में भी लगाएं पैसा

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि लगातार बढ़ रहे महंगाई के दौर में एफडी जैसे पारंपरिक निवेश के तरीके अब कारगर नहीं रह गए हैं. भविष्य के वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपने निवेश रकम का 30-40 फीसदी हिस्सा फ्लेक्सीकैप, मिडकैप और इंडेक्स फंड्स में जरूर लगाना चाहिए. इसमें थोड़ा जोखिम रहता है। इससे बचने के लिए फंड मैनेजर की सलाह लें और अपने जोखिम के आकलन के बाद ही निवेश करें.

Tags: International Women’s Day, Investment, Personal finance, Saving

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