नितिन सेमवाल
जोशीमठ. भगवान के लिए जब मन में श्रद्धाभाव हो तो उसके आगे उम्र, थकान या दूरी कोई मायने नहीं रखती. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है 75 साल के संत त्यागी महाराज ने. बद्रीनाथ धाम के दर्शन को निकले त्यागी महाराज ने गाड़ी, हवाई जहाज या फिर रेल से अपनी यात्रा नहीं की है. महाराज ने मुरैना से 900 किमी. का अपना ये सफर तपती सड़क पर लेट-लेट कर किया है. फिलहाल वे बद्रीनाथ धाम के दूसरे मुख्य पड़ाव पांडुकेश्वर से आगे निकल गए हैं जिसकी दूरी लगभग 850 किमी. की है. त्यागी महाराज की इस आस्था को जो देख रहा है वो हैरान है और भगवान के दर्शनों के साथ ही उनके भी दर्शन कर रहा है.
शरीर पर जख्म फिर भी…
इस पूरी यात्रा के दौरान त्यागी महाराज के पूरे शरीर पर जख्म हो गए हैं. सड़क पर अनगिनत बार लेटने के चलते उनके पैरों से लेकर पेट तक सभी जगह घाव हो गए हैं. साथ ही गर्मी के कारण तपती सड़क के चलते उनका शरीर कई जगह से झुलस भी गया है लेकिन वे इस बात की परवाह किए बिना अपनी भक्ती में लीन भगवान के दर्शनों के लिए लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस दौरान उनके चेहरे पर केवल श्रद्धा के भाव हैं, दर्द का कोई भाव उनके चेहरे पर नहीं दिखता है.
डामर की सड़क जैसे उनके लिए फूलों की सेज
वहीं त्यागी महाराज के साथ जो भी भक्त आए हैं उनका कहना है कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें महाराज के साथ चारधाम की यात्रा पर पहुंचने का सौभाग्य मिल रहा है. वहीं एक व्यक्ति ने कहा कि महाराज को देखकर लगता है कि उन्हें कोई कष्ट ही नहीं है. तपती हुई डामर की रोड पर जैसे वे लेट कर अपनी यात्रा कर रहे हैं उससे प्रतीत होता है जैसे उनके लिए ये फूलों की सेज हो. 16 अक्टूबर 2021 को त्यागी महाराज ने अपनी यात्रा मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से की थी और तब से लगातार वे चारधाम की तरफ बढ़ते जा रहे हैं. वहीं बाबा के शिष्यों का कहना है कि अब बद्रीनाथ धाम पहुंचने के बाद ही बाबा अपना फैसला बताएंगे. शिष्यों का कहना है कि फिलहाल महराज बद्रीनाथ में रहकर ही नारायण की सेवा करेंगे या फिर वे वापस जाएंगे इस संबंध में वे ही फैसला करेंगे.
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Tags: Chardham Yatra, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : May 21, 2022, 00:02 IST