वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 17 Feb 2022 07:53 PM IST
सार
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि भारत दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग की सकारात्मक गतिशीलता को बनाए रखने के लिए उचित उपाय करने में सक्षम होगा।
भारत-चीन
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विस्तार
भारत ने अब तक चीनी कंपनियों की 220 से ज्यादा मोबाइल एप्स को बैन कर दिया है। सरकार के इस कदम से चीन की बौखलाहट बढ़ गई है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को एप बैन मसले को लेकर बयान जारी किया गया है। इसमें मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि भारत के कदम चीनी कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और ये हम पर दबाव बनाने की कोशिश है।
फेंग ने कहा, “भारत को अपने कारोबारी माहौल में सुधार करना चाहिए ताकि चीनी कंपनियों सहित सभी विदेशी निवेशकों के साथ निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार तय हो सके।” गाओ ने कहा है कि एक तय अवधि के लिए, संबंधित भारतीय विभाग देश में चीनी उद्यमों और संबंधित सेवाओं पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं। इससे चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि हमने इस पर गंभीर चिंता जताई है। गाओ ने उम्मीद जताई कि भारत दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग की सकारात्मक गतिशीलता को बनाए रखने के लिए उचित उपाय करने में सक्षम होगा।
भारत ने गलवान घाटी टकराव के बाद लिया था एक्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने इसी हफ्ते देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले 54 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इससे पहले जून 2021 में भारत ने टिकटॉक, वीचैट और हेलो समेत 59 चीनी मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब सरकार ने इन एप्स को देश की सुरक्षा और संप्रभुता पर खतरा करार दिया था। खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि ये ऐप्स यूजर्स का डेटा जमा कर रही थीं और उसे बाहर भेज रही थीं।