चीन की टेनसेंट ने फ्लिपकार्ट में 26.4 करोड़ डॉलर की हिस्सेदारी खरीदी, बिन्नी बंसल के पास बचा 1.84 फीसदी स्टेक


नई दिल्ली. चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी टेनसेंट ने फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल से इस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी खरीदी है. आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, टेनसेंट की यूरोपीय सब्सिडियरी के साथ यह सौदा 26.4 करोड़ डॉलर (लगभग 2,060 करोड़ रुपये) में हुआ है. फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर में हैं और इसका परिचालन केवल भारत तक सीमित है.

टेनसेंट क्लाउड यूरोप बी वी के साथ सौदे के बाद फ्लिपकार्ट में इसके सह-संस्थापक बिन्नी बंसल की हिस्सेदारी करीब 1.84 प्रतिशत रह गई है. यह सौदा 26 अक्टूबर, 2021 को पूरा हुआ था और इसकी जानकारी सरकारी अधिकारियों को चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में दी गई.

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कितनी हिस्सेदारी खरीदी
अब फ्लिपकार्ट में टेनसेंट की सब्सिडियरी की हिस्सेदारी 0.72 फीसदी हो गई है. जुलाई, 2021 तक फ्लिपकार्ट द्वारा सिंगापुर के सॉवरिन वेल्थ फंड जीआईसी, सॉफ्टबैंक विजन फंड 2 और वॉलमार्ट की अगुआई वाले फंडिंग राउंड में 3.6 अरब डॉलर जुटाने के बाद इसका मूल्यांकन बढ़कर 37.6 अरब डॉलर हो गया था. टेनसेंट और बिन्नी बंसल के बीच यह सौदा इसी फंडिंग राउंड के बाद हुआ था. खबरों के अनुसार, यह सौदा सिंगापुर में हुआ था.

नियमों का उल्लंघन नहीं
फ्लिपकार्ट का कहना है कि वह एक जिम्मेदार कंपनी है और यह सौदा प्रेस नोट 3 के दायरे में नहीं आता है. दरअसल, प्रेस नोट 3 के अनुसार, अगर कोई कंपनी किसी ऐसे देश से फंडिंग प्राप्त करती जिसकी सीमा भारत से लगती है तो उस निवेश की जांच की जाएगी. गौरतलब है कि टेनसेंट के निवेश वाली पबजी गेम को भारत ने बैन कर दिया है. बता दें कि फ्लिपकार्ट के अलावा भी टेनसेंट की कई भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी है. इसमें ओला और बायजू जैसी बड़ी ऑनलाइन कंपनियां शामिल हैं.

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फ्लिपकार्ट का सफर
इसकी शुरुआत अक्टूबर 2007 में हुई थी. फ्लिपकार्ट के पास अब 80 श्रेणियों में 8 करोड़ उत्पाद हैं. फ्लिपकार्ट की स्थापना सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी. शुरुआत में इस वेबसाइट ने केवल ऑनलाइन किताबें बेचना शुरू किया था. इसके बाद धीरे-धीरे कंपनी ने अपना विस्तार किया. 2014 में इसने मिंत्रा का अधिग्रहण कर लिया. 2016 में यह पहली ऐसी भारतीय ऐप बनी जिसके यूजर्स 5 करोड़ से अधिक हो गए.

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