Chronic Anxiety: एंग्जायटी से ज्यादा खतरनाक है क्रॉनिक एंग्जायटी? जानें इसके लक्षण और कारण


Symptoms of Chronic Anxiety: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कई तरह की नई बीमारियां तेजी से विकसित हुई हैं. आज से कुछ वर्षों पहले जहां एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी बीमारी कभी कभार सुनने को मिलती थीं लेकिन अब अधिकांश लोगों में यह देखने को मिल जाती हैं. वर्तमान में लोग एंग्जायटी का तेजी से शिकार हो रहे हैं. एंग्जायटी से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है क्रॉनिक एंग्जायटी. क्रॉनिक एंग्जायटी, वह स्थिति होती है जिसमें एक व्यक्ति कई सालों तक एंग्जायटी से पीड़ित रहता है.

एंग्जायटी एक प्रकार की चिंता होती है. कई बार लोग इसे डिप्रेशन भी मान लेते हैं, हालांकि यह डिप्रेशन से काफी अलग होता है. एंग्जायटी में लोग अपने रोजमर्रा की परेशानियों और बीमारियों को लेकर चिंतित बने रहते हैं. जब आप हमेशा भय और चिंता से ग्रसित रहते हैं तो यह क्रॉनिक एंग्जायटी का रूप ले लेती है.

क्रॉनिक एंग्जायटी के प्रकार
ऐसे कई प्रकार के चिंता विकार हैं जो कि कई दिनों तक रहने पर क्रॉनिक एंग्जायटी का रूप ले लेते हैं.

  • जनरलाइज्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर
  • ऑब्सेसिव कॉम्प्लुसिव डिसऑर्डर
  • पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
  • सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर
  • पैनिक डिसऑर्डर

क्रॉनिक एंग्जायटी के लक्षण

  • हमेशा चिंतित विचार
  • डर या फिर दहशत
  • बार बार जुनूनी विचार आना
  • अपनी चिंता को कंट्रोल करने में कठिनाई का सामना करना
  • चिड़चिड़ापन का होना
  • मुंह का सूखना और जी मिचलाना
  • मांसपेशियों में दर्द या फिर तनाव महसूस करना
  • जल्दी थकान आना
  • नींद लेने में समस्या

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क्रॉनिक एंग्जायटी के कारण

आनुवांशिक कारण: एंग्जायटी और क्रॉनिक एंग्जायटी कई बार मनुष्य में आनुवांशिक कारणों की वजह से भी होती है. अगर आपके परिवार में इसका इतिहास रहा है तो बहुत अधिक संभावना है कि आप भी इससे ग्रसित हो सकते हैं. हालांकि एक स्थिर और शांत पारिवारिक जीवन के माहौल से आनुवांशिक जोखिम को दूर किया जा सकता है.

पर्यावरणीय कारक: कोई पुराना आघात, तनाव, या अन्य नकारात्मक पर्यावरणीय कारक किसी को पुरानी चिंता विकसित करने की अधिक संभावना बना सकते हैं. आपको यह जानना होगा कि क्या आपकी चिंता का कारण किसी पुराने आघात का इतिहास तो नहीं है. क्योंकि आघात से प्रेरित चिंता को अन्य प्रकार की चिंता की तुलना में चिकित्सा में अलग-अलग तरीकों की आवश्यकता होती है.

सामाजिक मुद्दे: कई बार सामाजिक मुद्दे भी क्रॉनिक एंग्जायटी को काफी बढ़ावा देते हैं. हमारे समाज का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और इसमें होने वाले परिवर्तन कई बार हमारे विचार को बदलते रहते हैं.

व्यक्तित्व लक्षण: जो लोग शर्मीले होते हैं, या किसी नई परिस्थिति में जाने से घबराते या व्यथित होते हैं उनमें भी एंग्जायटी होने की बहुत अधिक संभावना होती है और आगे चलकर यह क्रॉनिक एंग्जायटी में बदलने लगती है.

Tags: Anxiety, Health, Lifestyle

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