पंजाब में मतदान के लिए उल्टी गिनती शुरू: हर पार्टी के नेताओं ने डेरों पर ताकत झोंकी, भाजपा की नजर डेरा ब्यास और सच्चा सौदा पर


सार

राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अलावा डेरा सच्चा सौदा, नूर महल डेरा यानी दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, संत निरंकारी मिशन, नामधारी पंथ का डेरा और डेरा सचखंड बल्लां में भी नेता हाजिरी भर रहे हैं।

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पंजाब में मतदान के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है और राजनीतिक पार्टियों ने जोड़तोड़ का सिलसिला शुरू कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी की डेरा ब्यास के गद्दीशीन बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पहली बार डेरा ब्यास पहुंचने और डेरा मुखी से मुलाकात को इसी नजर से देखा जा रहा है। इन मुलाकातों की तस्वीरें भी वायरल हो चुकी है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अलावा डेरा सच्चा सौदा, नूर महल डेरा यानी दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, संत निरंकारी मिशन, नामधारी पंथ का डेरा और डेरा सचखंड बल्लां में भी नेता हाजिरी भर रहे हैं। इसके अलावा भी हजारों डेरे और इनकी शाखाएं हैं। पंजाब की 117 में से 90 सीटों पर इन डेरों से जुड़े मतदाता हार जीत तय करते हैं। बड़ी संख्या में मंत्री और पूर्व मंत्री और बड़े नेता इन डेरों से जुड़े रहे हैं।

डेरा ब्यास की संगत पर भाजपा उम्मीदवारों की नजर

डेरा ब्यास के बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की तीन दिन के भीतर पीएम मोदी व अमित शाह से अलग अलग मुलाकात हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बुधवार को राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों के साथ मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अमित शाह ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। इससे पहले रविवार को बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के दोनों प्रमुख नेताओं की डेरा ब्यास प्रमुख के साथ मुलाकात अहम मानी जा रही है। हालांकि डेरा ब्यास राजनीति से दूर रहा है, लेकिन चुनावों की गर्माहट के बीच अमित शाह व मोदी से बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की मुलाकात और तस्वीरों के वायरल होने से भाजपा नेताओं को डेरा ब्यास संगत के वोट की काफी उम्मीद है। हालांकि सीएम चन्नी भी डेरा ब्यास के बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात कर चुके हैं। 

डेरा सच्चा सौदा की 45 सदस्यीय विंग ने संत गुरमीत राम रहीम को सौंपी रिपोर्ट

मालवा में भी प्रभाव रखने वाले डेरा सच्चा सौदा के संत गुरमीत राम रहीम जेल से फरलो पर हैं। हालांकि फरलो बहुत कम ही सजायाफ्ता कैदियों को मिलती है। डेरा ने अपनी ताकत हाल ही में दो समागम कर दिखा दी, जिसमें 25 लाख श्रद्धालु जुटे थे। 9 जनवरी को पंजाब के बठिंडा के सलाबतपुरा में डेरे के दूसरे गुरु शाह सतनाम सिंह का जन्मदिन उत्सव मनाया गया। फिर 25 जनवरी को डेरा सच्चा सौदा के हेडक्वार्टर सिरसा में पंजाब और हरियाणा के डेरा फॉलोअर्स गुरु शाह सतनाम सिंह का 103वां जन्मदिन मनाने के लिए जुटे। 2017 में राम रहीम के जेल जाने के बाद से ये अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है और पंजाब चुनाव के पहले ये होना सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए संकेत है कि अगर पार्टियों ने डेरे को नजरंदाज किया तो उन्हें चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 

जेल से 21 दिन के फरलो पर छूटे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम फिलहाल गुड़गांव के सेक्टर 50 के अपने डेरा चर्चा घर में मौजूद हैं। डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट संत गुरमीत राम रहीम को सौंप दी है। इसके बाद संगत, यानी अनुयायियों को निर्देश जारी किया जाएगा कि चुनाव को लेकर बाबा का इशारा किस पार्टी की ओर है। डेरे का पंजाब के मालवा रीजन की करीब 69 सीटों पर प्रभाव है। संत गुरमीत राम रहीम हरियाणा में भाजपा की मदद कर चुके हैं। जिस तरह संत गुरमीत राम रहीम को फरलो दी गई है, उससे हरियाणा की भाजपा सरकार पर भी सवाल उठे हैं। लिहाजा, पंजाब में डेरा सच्चा सौदा की विंग संभालने वाले भंगीदास को राजनीतिक विंग का संदेशा आ सकता है और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मालवा में संत गुरमीत राम रहीम भाजपा को वोट की अपील कर सकते हैं। दरअसल, 2007 में डेरा ने कांग्रेस को वोट दिलवाया था। 2012 व 2014 और 2017 में अकाली दल को वोट करवाया था, यही कारण था कि अकाली दल के खिलाफ तेज आंधी के बावजूद पार्टी को 25 फीसदी वोट मिल गया था। 

डेरा सच्चखंड बल्लां के श्रद्धालु हैं सीएम चन्नी

श्री गुरु रविदास जी के प्रकाशोत्सव पर पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब में प्रचार छोड़कर बनारस जा पहुंचे और वहां पर संत निरंजनदास का आशीर्वाद हासिल किया। चन्नी डेरा बल्लां में भी एक रात गुजार चुके हैं और उनकी काफी आस्था है। डेरा बल्लां रविदासिया समाज की आस्था का केंद्र है। वोटिंग से पहले बुधवार के दिन रविदास जंयती के दिन लगभग सभी दलों के नेताओं ने संत रविदास के दर पर माथा टेका। इसका बड़ा कारण है चुनावी राज्य में दलितों की आबादी। 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में इस समय 2.77 करोड़ दलित हैं। वे पंजाब की कुल आबादी का लगभग 32 प्रतिशत हैं। यह संख्या पंजाब के सबसे प्रमुख समाज जाट सिखों की कुल 20 प्रतिशत आबादी से कहीं अधिक है। पंजाब में दलितों की कुल आबादी में से लगभग 21 प्रतिशत आबादी रविदासिया समुदाय की है। इस आबादी की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि 16 फरवरी को संत रविदास जयंती के कारण पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख 14 फरवरी से बदलकर 20 फरवरी कर दी गई थी। दुनिया भर में डेरा सचखंड बल्लां के लगभग 25 लाख अनुयायी हैं। यहां आयोजित सभी सभाओं में कम से कम 10-15 लाख लोग शामिल होते हैं। हालांकि डेरा कभी भी खुलेआम किसी की मदद नहीं करता, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से अपनी संगत तक संदेशा पहुंचाया जाता है। डेरा ने किसी खास पार्टी या नेता का समर्थन नहीं किया है व चुनाव के दौरान कभी भी राजनीतिक संदेश नहीं देते हैं, लेकिन बुधवार को चन्नी का बनारस पहुंच डेरा बल्लां के गद्दीशीन निरंजनदास जी के चरणों में बैठना और तस्वीर के वायरल होने के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
 

अकाली दल को संत समाज ने समर्थन दिया

दमदमी टकसाल प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा की अध्यक्षता में वीरवार को बाबा शहीद सरमस्तपुर (जालंधर) में गुरमत सिद्धांत प्रचारक संत समाज की बैठक में विभिन्न संप्रदायों के लगभग 250-300 संतों, संत महापुर, उदासी, निर्मला, कार सेवा और निहंग सिंह जत्थेबंदियों ने शिरोमणि अकाली दल और बसपा उम्मीदवारों के समर्थन की घोषणा की है। इसके अलावा भगवान वाल्मीकि जी के आश्रम रामतीर्थ से भी वीरवार को अधिकारिक रूप से संदेशा जारी कर अकाली दल बसपा के समर्थन की घोषणा की गई है। दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह का कहना है कि अकाली पंथ की धार्मिक और राजनीतिक चुनौतियों के दौरान महान संघर्षों और बलिदानों के बीच पैदा हुआ था। पंथ के हितों की रक्षा करते हुए बलिदान किए हैं। इस वजह से पंथ को गर्व है ए-खालसा, चप्परचिड़ी स्मारक आदि की सेवा की है। इसलिए हम सभी का दायित्व बनता है कि मिलकर शिरोमणि अकाली दल और बसपा प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करे।

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान पहुंचे चन्नी

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मंगलवार को नूरमहल स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान पहुंचे। उन्होंने संस्थान द्वारा चलाई जा रही विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस गोशाला, आयुर्वेदिक उत्पादों के निर्माण और समाज को अध्यात्म की राह पर लेकर जाने के लिए हो रहे प्रयासों को सराहा। संस्थान की तरफ से पंजाब की लगभग 65 शाखाओं के अलावा देश के सभी राज्यों व विदेशों में भी धर्म का प्रचार किया जा रहा है। पंजाब के माझा, मालवा व दोआबा क्षेत्रों में हर वर्ग, जाति व धर्म से संबंधित लगभग 32 लाख अनुयायी संस्थान के प्रति आस्था रखते है। इसके अलावा विश्व में लगभग 10 हजार सन्यासी प्रचारक संस्थान में नि:स्वार्थ भाव से अपनी सेवा निभा रहे हैं। चन्नी की नजर पंजाब में आश्रम के वोट बैंक पर हैं।

विस्तार

पंजाब में मतदान के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है और राजनीतिक पार्टियों ने जोड़तोड़ का सिलसिला शुरू कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी की डेरा ब्यास के गद्दीशीन बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पहली बार डेरा ब्यास पहुंचने और डेरा मुखी से मुलाकात को इसी नजर से देखा जा रहा है। इन मुलाकातों की तस्वीरें भी वायरल हो चुकी है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अलावा डेरा सच्चा सौदा, नूर महल डेरा यानी दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, संत निरंकारी मिशन, नामधारी पंथ का डेरा और डेरा सचखंड बल्लां में भी नेता हाजिरी भर रहे हैं। इसके अलावा भी हजारों डेरे और इनकी शाखाएं हैं। पंजाब की 117 में से 90 सीटों पर इन डेरों से जुड़े मतदाता हार जीत तय करते हैं। बड़ी संख्या में मंत्री और पूर्व मंत्री और बड़े नेता इन डेरों से जुड़े रहे हैं।

डेरा ब्यास की संगत पर भाजपा उम्मीदवारों की नजर

डेरा ब्यास के बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की तीन दिन के भीतर पीएम मोदी व अमित शाह से अलग अलग मुलाकात हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बुधवार को राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों के साथ मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अमित शाह ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। इससे पहले रविवार को बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के दोनों प्रमुख नेताओं की डेरा ब्यास प्रमुख के साथ मुलाकात अहम मानी जा रही है। हालांकि डेरा ब्यास राजनीति से दूर रहा है, लेकिन चुनावों की गर्माहट के बीच अमित शाह व मोदी से बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की मुलाकात और तस्वीरों के वायरल होने से भाजपा नेताओं को डेरा ब्यास संगत के वोट की काफी उम्मीद है। हालांकि सीएम चन्नी भी डेरा ब्यास के बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात कर चुके हैं। 



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