Covid-19: सीजेआई की सलाह- ओमिक्रॉन को न लें हल्के में, जानिए पूरी तरह से रिकवरी के लिए क्या है विशेषज्ञ की सलाह?


Medically Reviewed by-

डॉ सौरभ अवस्थी

(श्वांस रोग विशेषज्ञ, इंटेंसिव केयर यूनिट)

नोएडा

कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को डेल्टा की तुलना में भले ही हल्के लक्षणों वाला माना जाता रहा हो, लेकिन इसके कारण होने वाले संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने में काफी वक्त लग सकता है। कोरोना संक्रमण के शिकार रह चुके भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने सभी लोगों को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से सुरक्षित रहने की अपील की है। जस्टिस रमण ने एक सुनवाई के दौरान ओमिक्रॉन वैरिएंट के  ‘साइलेंट किलर’ बताते हुए कहा कि इस वैरिएंट से संक्रमितों को पूरी तरह से ठीक होने में काफी समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि, ”मैं कोरोना की पहली लहर में भी संक्रमण का शिकार रह चुका हूं लेकिन उससे चार दिनों में ठीक हो गया था। जबकि ओमिक्रॉन वैरिएंट की चपेट में आने के 25 दिनों बाद अब भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया हूं।”

अध्ययनों में भले ही कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण को हल्का बताया जाता रहा है, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार सभी लोगों को इससे बचाव के उपाय करते रहने की सलाह देते रहे हैं। डॉक्टर्स कहते हैं, देश में दूसरी लहर का कारण बने डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के देखे जा रहे हैं, हालांकि कुछ लोगों में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि ओमिक्रॉन से संक्रमित रह चुके लोगों को पूरी तरह से ठीक होने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए? ओमिक्रॉन वैरिएंट से तेज रिकवरी के लिए क्या किया जाना चाहिए?

क्या है स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह?

अमर उजाला से बातचीत में इंटेंसिव केयर यूनिट के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सौरभ अवस्थी बताते हैं, तीसरी लहर की शुरुआत से ही इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि भले ही कई लोगों में ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के सर्दी और फ्लू की तरह हो रहे हैं, पर इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। कई अध्ययनों में इस बेहद संक्रामक वैरिएंट के कारण दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में पता चलता है, जिससे स्पष्ट होता है कि भले ही इसके लक्षण हल्के हैं लेकिन यह वैरिेएंट शरीर को क्षति पहुंचा रहा है। इसके अलावा ओमिक्रॉन के कुछ सब-वैरिएंट्स के बारे में भी रिपोर्ट्स में जिक्र मिल रहा है जिसे और भी संक्रामक बताया जाता है, ऐसे में इससे बचाव के पर्याप्त उपाय किए जाने आवश्यक हैं। 

संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने में कितना समय लग सकता है?

डॉ सौरभ बताते हैं, वैसे तो ज्यादातर लोग 5-7 दिनों में ठीक हो जा रहे हैं, हालांकि इससे पूरी तरह से ठीक होने में कुछ समय लग सकता है। यह रोगी की रोग से लड़ने की क्षमता पर भी निर्भर करता है। कोविड-19 से शुरुआती रिकवरी के बाद कुछ लोगों को लंबे समय तक थकान-कमजोरी या शरीर में दर्द की भी दिक्कत बनी रह सकती है। कुछ लोगों को ओमिक्रॉन के कारण भी पोस्ट कोविड की समस्याएं हो रही हैं। पूरी तरह से रिकवरी का समय एक व्यक्ति से दूसरे में अलग-अलग हो सकता है।

संक्रमण से ठीक होने के बाद क्या करें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ओमिक्रॉन संक्रमण के बाद जांच की रिपोर्ट निगेटिव आ जाने के बाद भी सेहत का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। पोस्ट कोविड की दिक्कतों से बचे रहने के लिए आहार और दिनचर्या पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। आहार में प्रोटीन- विटामिन्स से भरपूर चीजों को शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा सबसे खास बात शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखना भी जरूरी है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।



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