हाइलाइट्स
जून के बाद से बाइनेंस, वॉल्ड, स्काईब्रिज कैपिटल जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपनी ट्रेडिंग रोक दी है.
क्रिप्टो एसेट किसी भी सरकार अथवा सरकारी एजेंसी द्वारा गारंटीड नहीं होता है.
एक्सचेंज के दिवालिया होने की स्थिति में निवेशकों को असुरक्षित कर्जदाता की श्रेणी में रखा जाएगा.
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़ी गिरावट को देखते हुए कुछ एक्सचेंज ने अपनी ट्रेडिंग को बंद कर रहे हैं. यह ट्रेंड जून से ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर क्रिप्टो एक्सचेंज दिवालिया हो जाएं तो निवेशकों के पैसों का क्या होगा?
दरअसल, मई में टेरा सिस्टर क्रिप्टो के धराशायी होने के बाद क्रिप्टो एक्सचेंज किसी बड़ी गिरावट से बचने के लिए अपनी ट्रेडिंग रोक दे रहे हैं. ग्लोबल मार्केट पर दबाव की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार अभी गिरावट झेल रहे हैं, जिसका खामियाजा क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को भी भुगतना पड़ रहा. यही कारण है कि कई क्रिप्टो एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर निकासी और जमा को रोक रहे हैं.
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कुछ एक्सचेंज इस गिरावट और नुकसान की भरपाई के लिए दूसरे निवेशक तलाश रहे या फिर अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. इसके अलावा किसी अन्य फर्म या एक्सचेंज से ज्वाइंट वेंचर बनाने का भी विकल्प देख रहे हैं. ऐसे में एक्सपर्ट और निवेशकों के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि अगर एक्सचेंज दिवालिया हो गए तो उनके पैसों का क्या होगा.
सामने आया मामला
अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित क्रिप्टो एक्सचेंज सेल्सियस नेटवर्क ने हाल में अपनी बैलेंस शीट की खराब हालत को देखते हुए खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है. एक्सचेंज ने केस फाइल कर कहा है कि उसके शेयरधारकों के हितों को देखते हुए दोबारा बिजनेस खड़ा करने के लिए समय दिया जाए. कंपनी के पास मौजूद डिजिटल एसेट अभी तेजी से बढ़ रहा है. लिहाजा आने वाले समय में यह फिर से सामान्य कारोबार कर सकेगी.
13 जुलाई, 2022 तक सेल्सियस पर कुल 5.5 अरब डॉलर का बकाया था, जबकि कंपनी के पास कुल 4.31 अरब डॉलर की संपत्ति थी. ऐसे में 1.19 अरब डॉलर का नुकसान दिख रहा है. सेल्सियस की तरह व्योगर डिजिटल ने भी दिवालिया प्रक्रिया शुरू कराई है. यह एक्सचेंज हालिया गिरावट की वजह से बरबाद हो गया है. एक और एक्सचेंज क्वाइनफ्लेक्स ने पिछले दिनों अपनी ट्रेडिंग रोकते हुए कहा था कि उसके एक निवेशक ने 4.7 करोड़ डॉलर का भुगतान नहीं किया है. अब कंपनी कानूनी रास्ते से 8.4 करोड़ डॉलर वसूलने की तैयारी में है.
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जून के बाद से बाइनेंस, वॉल्ड, स्काईब्रिज कैपिटल जैसे कुछ और क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपनी ट्रेडिंग रोक दी है. यह घटना निवेशकों को उनकी गाढ़ी कमाई डूबने को लेकर खतरे का संकेत दे रही है. ऐसे में अगर ये एक्सचेंज दिवालिया हो जाते हैं तो निवेशकों के पैसों का क्या होगा.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
माईफंडबाजार के सीईओ और फाउंडर विनीत खांदरे का कहना है कि ऐसे किसी भी एसेट में निवेश करने वाले को रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है. अमेरिका स्थित क्रिप्टो एक्सचेंज क्वाइनबेस ने हाल में वहां के बाजार नियामक को एक दस्तावेज के जरिये बताया था कि क्रिप्टो एसेट किसी भी सरकार अथवा सरकारी एजेंसी द्वारा गारंटीड नहीं होता है. लिहाजा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर होने वाले किसी भी नुकसान को लेकर निवेशकों को कोई आश्वासन नहीं दिया जा सकता है. एक्सचेंज के दिवालिया होने की स्थिति में निवेशकों को असुरक्षित कर्जदाता की श्रेणी में रखा जाएगा और एक्सचेंज के पास जो भी संपत्ति है, उसे दिवालिया प्रक्रिया के तहत निवेशकों को बांटा जा सकता है.
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टैरालिटी के सीईओ एवं डाइरेक्टर अभिजीत शुक्ला का कहना है कि क्रिप्टो एसेट को रेगुलेट करने के लिए कोई कानून नहीं है. लिहाजा एक्सचेंज के डूबने या दिवालिया होने पर निवेशकों को उनके पैसे मिलने की भी कोई गारंटी नहीं है. दिवालिया होने की स्थिति में एक्सचेंज के वॉलेट में मौजूद राशि को निवेशक अपनी संपत्ति बताकर दावा नहीं कर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2022, 09:57 IST