क्रिप्टो मार्केट में गिरावट से डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस की बढ़ी मुश्किलें


पिछले दो वर्षों में क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों के कारोबार में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। इससे बिटकॉइन, इथर और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में अरबों डॉलर की परचेज हुई थी। इन क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल बहुत अधिक रिटर्न देने वाले डीसेंट्रलाइज्ड प्रोजेक्ट में इनवेस्टमेंट या उन्हें लेंडिंग के लिए किया जाता था। 

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ महीनों से गिरावट के कारण DeFi सेगमेंट पर बड़ा असर पड़ा है। इससे लेंडिंग फर्मों को नुकसान हो रहा है और उनके लिए कारोबार में बने रहना भी मुश्किल हो रहा है। बड़ी क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों में शामिल Celsius Network के क्लाइंट्स की ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की रेगुलेटर्स की ओर से जांच की जा रही है। Celsius ने कहा था कि क्रिप्टो मार्केट की खराब स्थिति के कारण वह एकाउंट्स के बीच विड्रॉल और ट्रांसफर पर रोक लगा रही है। पिछले वर्ष के अंत में इस फर्म ने लगभग 75 करोड़ डॉलर का फंड हासिल किया था। यह अपनी क्रिप्टोकरेंसीज को जमा करने वाले कस्टमर्स को इंटरेस्ट का ऑफर देती है और रिटर्न कमाने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज की लेंडिंग करती है। 

डेटा प्रोवाइडर ब्लॉकचेन Glassnode के अनुसार, Ethereum पर कई प्रकार के DeFi प्रोटोकॉल्स पर डिपॉजिट किए गए टोकन्स की वैल्यू को ट्रैक करने वाला इंडिकेटर TVL पिछले छह सप्ताह में लगभग 124 अरब डॉलर या 60 प्रतिशत से अधिक गिरा है। इससे इनवेस्टर्स की ओर से रिस्क से बचने की कोशिश का संकेत मिल रहा है। क्रिप्टो लेंडिंग फर्म Ledn के को-फाउंडर और चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर Mauricio Di Bartolomeo ने बताया, “मार्केट की कमजोर स्थिति से ऐसे ऑपरेटर्स पर प्रेशर बढ़ा है जो अपनी यील्ड को हासिल करने के लिए डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्रोटोकॉल्स के साथ जुड़ते हैं।”

कुछ DeFi प्रोटोकॉल्स या प्रोजेक्ट्स कम रिटर्न दे रहे हैं। इसके साथ ही लेंडिंग और बॉरोइंग के औसत रेट्स भी घटे हैं। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether पिछले सप्ताह सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की तुलना में एक वर्ष से अधिक के निचले स्तर पर पहुंच गई थी, जो मंदी का एक और संकेत है। बिटकॉइन में भी गिरावट आ रही है। पिछले वर्ष के हाई से यह क्रिप्टोकरेंसी आधे से अधिक टूट चुकी है। क्रिप्टो मार्केट में गिरावट का बड़ा कारण अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ओर से इंटरेस्ट रेट में की गई बढ़ोतरी है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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