एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 18 Mar 2022 05:03 AM IST
सार
संसद के पटल पर बुधवार को रखी गई समिति की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों सेनाओं की मांग की तुलना में बजट में आवंटित की गई राशि में भारी कमी है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022-23 के लिए कैपिटल मद में 2,15,995 करोड़ रुपये की मांग की गई, जबकि इसकी तुलना में बजट में सिर्फ 1,52,369.61 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
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विस्तार
संसद के पटल पर बुधवार को रखी गई समिति की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों सेनाओं की मांग की तुलना में बजट में आवंटित की गई राशि में भारी कमी है और रक्षा मंत्रालय को आने वाले वर्षों में खर्च में कोई कटौती नहीं करनी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022-23 के लिए कैपिटल मद में 2,15,995 करोड़ रुपये की मांग की गई, जबकि इसकी तुलना में बजट में सिर्फ 1,52,369.61 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
समिति ने कहा है कि ऐसी कटौती से रक्षा सेवाओं की गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2022-23 के लिए थल सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए मांग और आवंटन में क्रमश: 14729.11 करोड़, 20031.97 करोड़ और 28471.05 करोड़ रुपयों का अंतर है, जो बहुत अधिक है। गौरतलब है कि सरकार रक्षा आधुनिकीकरण के बजट को अगले वर्षों में खर्च करने के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर रही है।
बची राशि अगले साल मिले
समिति ने कहा, हमारा मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ सीमा पर वर्तमान में हमारे बढ़े हुए तनाव को देखते हुए रक्षा तैयारियों के लिए यह स्थिति सुखकर नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने अपनी पुरानी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि कैपिटल बजट को लैप्स होने वाला नहीं होना चाहिए और बची हुई राशि अगले वर्ष में खर्च करने के लिए उपलब्ध होनी चाहिए।