देश में कोयला संकट: आंकड़ों के जरिए सरकार का बचाव, केंद्रीय मंत्री बोले- घबराने की कोई जरूरत नहीं


बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 27 Apr 2022 04:19 PM IST

सार

जहां एक ओर देश में कोयले का संकट गहरा रहा है और इसका असर देश के अलग-अलग राज्यों में बिजली संकट के तौर पर देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकार आंकड़ों के जरिए कोयला पर्याप्त होने की बात कह रही है। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

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देश में कोयला संकट गंभीर रूप ले चुका है। इसकी वजह से देश में बिजली संकट भी गहरा गया है। अलग-अलग राज्यों से बिजली कटौती को लेकर खबरें सामने आ रही है। यूपी से लेकर पंजाब तक हाल बेहाल है, जबकि इन सबके बीच सरकार का कहना है कि देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है और घबराने की जरूरत नहीं है। 

सरकार लगातार कर रही निगरानी 
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार दिन-प्रतिदिन, घंटे के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रही है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में और हम देश को आवश्यक कोयले की आपूर्ति करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 25 अप्रैल तक, 2.15 करोड़ टन कोयला स्टॉक थर्मल पावर प्लांट्स के पास उपलब्ध था। यानी थर्मल पावर प्लांट्स के पास लगभग 9-9.5 दिनों का स्टॉक उपलब्ध है। यह स्टॉक दिन-प्रतिदिन के आधार पर भरा जाता है। इसके अलावा कोल इंडिया के साथ, हमारे पास लगभग 7.25 करोड़ टन स्टॉक मौजूद है। 

बिजली संकट पर सरकार की राय
गौरतलब है कि बीते रविवार को कोयला सचिव एके जैन ने देश में गहराए बिजली संकट के लिए कोयले की कमी को वजह मानने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इस बिजली संकट की प्रमुख वजह विभिन्न ईंधन स्त्रोतों से होने वाले बिजली उत्पादन में आई बड़ी गिरावट है। उन्होंने कहा कि ताप-विद्युत संयंत्रों के पास कोयले का कम स्टॉक होने के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। कोविड-19 के प्रकोप में कमी आने के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी आई और बिजली की मांग बढ़ी, इसके अलावा इस साल जल्दी गर्मी शुरू हो जाना, गैस और आयातित कोयले की कीमतों में वृद्धि होना और तटीय ताप विद्युत संयंत्रों के बिजली उत्पादन का तेजी से गिरना जैसे कारक बिजली संकट के लिए जिम्मेदार हैं। 

विस्तार

देश में कोयला संकट गंभीर रूप ले चुका है। इसकी वजह से देश में बिजली संकट भी गहरा गया है। अलग-अलग राज्यों से बिजली कटौती को लेकर खबरें सामने आ रही है। यूपी से लेकर पंजाब तक हाल बेहाल है, जबकि इन सबके बीच सरकार का कहना है कि देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है और घबराने की जरूरत नहीं है। 

सरकार लगातार कर रही निगरानी 

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार दिन-प्रतिदिन, घंटे के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रही है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में और हम देश को आवश्यक कोयले की आपूर्ति करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 25 अप्रैल तक, 2.15 करोड़ टन कोयला स्टॉक थर्मल पावर प्लांट्स के पास उपलब्ध था। यानी थर्मल पावर प्लांट्स के पास लगभग 9-9.5 दिनों का स्टॉक उपलब्ध है। यह स्टॉक दिन-प्रतिदिन के आधार पर भरा जाता है। इसके अलावा कोल इंडिया के साथ, हमारे पास लगभग 7.25 करोड़ टन स्टॉक मौजूद है। 

बिजली संकट पर सरकार की राय

गौरतलब है कि बीते रविवार को कोयला सचिव एके जैन ने देश में गहराए बिजली संकट के लिए कोयले की कमी को वजह मानने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इस बिजली संकट की प्रमुख वजह विभिन्न ईंधन स्त्रोतों से होने वाले बिजली उत्पादन में आई बड़ी गिरावट है। उन्होंने कहा कि ताप-विद्युत संयंत्रों के पास कोयले का कम स्टॉक होने के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। कोविड-19 के प्रकोप में कमी आने के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी आई और बिजली की मांग बढ़ी, इसके अलावा इस साल जल्दी गर्मी शुरू हो जाना, गैस और आयातित कोयले की कीमतों में वृद्धि होना और तटीय ताप विद्युत संयंत्रों के बिजली उत्पादन का तेजी से गिरना जैसे कारक बिजली संकट के लिए जिम्मेदार हैं। 



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