दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक पास: शाह बोले- दिल्ली सरकार कर रही थी सौतेला व्यवहार, जानें सरकार और विपक्ष के तर्क


संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के 11वें दिन लोकसभा में दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक पेश किया गया। चर्चा के बाद सदन ने इसे पास कर दिया। इस दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सरकार पर तीनों नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने तीनों एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार किया है। दिल्ली सरकार के इस व्यवहार के कारण सारे नगर निगमों के पास दायित्वों का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपल्बध नहीं हो पाते।

उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक सदन में लाया गया है। ये तीनों एमसीडी को एक एमसीडी में बदल देगा। संसाधन और सहकारितावादी और सामरिक योजना की दृष्टि से एक ही निगम अगर पूरी दिल्ली की सिविक सेवाओं का ध्यान रखेगा तो बेहतर होगा। इससे सभी दिल्ली वासियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

लोकसभा में दिल्ली के MCD पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले दिल्ली में एक ही नगर निगम हुआ करता था। 1957 दिल्ली नगर निगम एक्ट के तहत इसकी स्थापना हुई थी। इसके बाद इसमें 1993 और 2011 में संशोधन किए गए। जिसके बाद उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगम में दिल्ली को बांट दिया गया। 

उन्होंने कहा कि पिछले दस साल के अनुभव के बारीक विश्लेषण और तथ्यों के मुताबिक सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि दिल्ली के तीनों निगमों का एकीकरण कर पहले जैसी स्थिति की जाए। यह बंटवारा आनन-फानन में किया गया बंटवारा था। गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली के पार्षदों की संख्या को सीमित करने का प्रस्ताव भी इस बिल में है। 

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस बिल को पेश करते समय दावा किया कि एक नगर निगम होने से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।  

इस बिल में सफाई कर्मचारियों को 14 दिनों का नोटिस देकर हटाने का जो प्रावधान है उसे खत्म कर सभी सफाई कर्मचारियों को परमानेंट किए जाने की बात भी कही गई है। केंद्र सरकार का कहना है कि तीनों निगमों को अब सीधे केंद्र सरकार से फंड मिलेगा और शहर का विकास होगा। इस संशोधन बिल के तहत 1957 के मूल अधिनियम में भी कुछ और संशोधनों को मंजूरी दी गई है। 

कश्मीर चुनाव पर भी बोले
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर के चुनाव के लिए भी रेफरेंस आई। मैं फिर कहता हूं कि पंचायत चुनाव हो चुके हैं, डिलिमिटेशन समाप्त होने की कगार पर है। डिलिमिटेशन के बाद सभी दलों से चर्चा करके हम तुरंत चुनाव कराएंगे।

विपक्ष का केंद्र पर आरोप
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सहित विपक्षी दलों ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए संसद में विधेयक लाने के कदम को दिल्ली पर फिर से नियंत्रण करने का केंद्र सरकार का प्रयास बताया। पार्टियों ने कहा कि संवैधानिक नैतिकता का हनन करते हुए उक्त विधेयक को लाया गया है, जो उसके अधिकार क्षेत्र का विषय नहीं है।  कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि 1991 में दिल्ली में विधानसभा बनाकर उसे विधायी अधिकार दिए गए थे, लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली को संचालित करने की शक्ति फिर अपने पास वापस ले रही है।

भाजपा ने दिया जवाब
वहीं, भाजपा के रमेश विधूड़ी ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण को प्रदेश की जनता की भलाई के लिए जरूरी कदम बतया। उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर राजनीतिक मकसद से नगर निगमों को धन नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि एक ही परिवार, एक ही पार्टी सत्ता भोगती रहे इसलिए आनन-फानन में निगम को तीन हिस्सों में बांट दिया गया था। भाजपा सांसद ने दावा किया कि दिल्ली की मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार ने अदालत के आदेश के बावजूद नगर निगमों को उनका बकाया धन नहीं दिया।



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