गर्मी में भी बढ़ रहे डेंगू के मामले, आयुष के उपायों से घर पर करें इलाज


नई दिल्‍ली. आमतौर पर ठंडे मौसम और अगस्‍त-सितंबर के बाद सामने आने वाले डेंगू के मामले अब गर्मी के मौसम में भी सामने आ रहे हैं. दिल्‍ली में ही जनवरी 2022 से लेकर मई तक 100 के आसपास डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. 17 मई को वैक्‍टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल की नोडल एजेंसी दक्षिणी दिल्‍ली नगर निगम की ओर से जारी की गई साप्‍ताहिक रिपोर्ट में बताया गया था कि 14 मई तक दिल्‍ली शहर में 96 डेंगू के केस मिल चुके हैं. इस एक हफ्ते में इस संख्‍या में इजाफा होने का अनुमान है. हालांकि इस वैक्‍टर बॉर्न डिजीज से अभी तक कोई मौत सामने नहीं आई है लेकिन मच्‍छर जनित इस बीमारी के इस मौसम में भी होना चिंता जरूर पैदा करने वाली बात है.

गौर करने वाली बात है कि पिछले सालों का रिकॉर्ड देखें तो जनवरी से लेकर मई तक डेंगू के मरीजों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. इस अवधि में पिछले साल यानि साल 2021 में सिर्फ 21 डेंगू के मरीज मिले थे. जबकि 2020 में सिर्फ 18, 2019 में 10, 2018 में 12 और डेंगू के मामले में सबसे ज्‍यादा खराब साल रहे 2017 में सिर्फ 18 केस मिले थे. ऐसे में 2022 में इस अवधि में 100 के आसपास डेंगू के मामलों का पहुंच जाना चिंताजनक है. हालांकि डेंगू से मौतों के मामले में अभी राहत है.

खास बात है कि अभी तक डेंगू का कोई सटीक इलाज नहीं है और न ही कोई वैक्‍सीन इजाद हुई है. ऐसे में डेंगू होने पर सिर्फ लक्षणों आधार पर उपचार किया जाता है. हालांकि केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) ने डेंगू के इलाज के लिए प्राकृतिक चिकित्‍सा (Naturopathy) और योग (Yoga) को बेहतर पाया है. यही वजह है कि डेंगू के लिए आयुष की ओर से गाइडलाइंस दी गई हैं. जिनके पालन से डेंगू का बेहतर इलाज किया जा सकता है.

आयुष मंत्रालय की ओर से बताए गए उपचार के तरीकों में प्राकृतिक चिकित्‍सा और योग के माध्‍यम से डेंगू मरीज का इलाज करने के लिए गाइडलाइंस दी गई हैं. आयुष का मानना है कि डेंगू होने से घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर थोड़ी सी जागरुकता रखी जाए तो मरीज को घर पर रखकर भी डेंगू का इलाज (Dengue Tratment) किया जा सकता है.

आयुष का मानना है कि प्राकृतिक चिकित्‍सा के अनुसार बुखार शरीर के लिए अलार्मिंग लक्षण की तरह है जो यह बताता है कि शरीर के अंदर कुछ गलत हो रहा है. इसे जितना जल्‍दी हो सके सही करने की जरूरत है. डेंगू के बुखार में शरीर का तापमान (Body Temperature) सबसे बड़ी वजह होता है. इसे ही संतुलित रखना जरूरी होता है. इसके लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं.

व्रत या उपवास या अन्‍न का त्‍याग करके इलाज

आयुष की ओर से बताया गया हे कि डेंगू होने पर मरीज को व्रत (Fast) रखने से फायदा होता है. यह डेंगू के असर को घटाने वाला उपचार है लेकिन सिर्फ सादा पानी पीकर रखा गया व्रत नुकसानदेह हो सकता है. इसलिए व्रत में मरीज को लगातार फलों का जूस या कोई भी लिक्विड डाइट (Liquid Diet) देते रहें. खाने में सुपाच्‍य खुराक भी दी जा सकती है. इस दौरान कोई भी ऐसा भोजन नहीं करना है जिसे पचाना मुश्किल हो. इसके अलावा सादा गुनगुना पानी ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में मरीज को पिलाया जाए. बेल, का रस, फलों और सब्जियों के जूस के साथ ही नारियल पानी, नीबू, शहद का पानी और गेंहू की घास का जूस दे सकते हैं. इससे मरीज जल्‍दी ठीक होने लगेगा.

पानी की पट्टी माथे पर रखें

अगर मरीज को डेंगू होने पर तेज बुखार आ रहा है तो ऐसी स्थिति में बर्फ या ठंडे पानी के पैकेट को मरीज के माथे और पेट पर बारी बारी से रखें. अगर आप कपड़े की पट्टी रख रहे हैं तो दो बर्तनों में पानी रखें. पहले बर्तन में कपड़े की पट्टी को भिगोकर माथे पर रखें. उसके बाद पट्टी को पहले बर्तन में धोएं, ताकि गर्मी इस पानी में निकल जाए, फिर उस पट्टी को दूसरे बर्तन के पानी में भिगोकर, निचोड़ें और मरीज के माथे पर रखें. ऐसा करीब 20 मिनट तक करें. वहीं इस प्रक्रिया को हर दो घंटे में दोहराते रहें. ऐसा तब तक करें जब तब कि मरीज का बुखार उतर न जाए और वह सामान्‍य तापमान पर न आ जाए. इसके अलावा मरीज के पैरों को गर्म पानी में रख सकते हैं. इससे भी शरीर का तापमान कम होने लगेगा.

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