न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देवघर
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Mon, 11 Apr 2022 09:34 PM IST
सार
झारखंड के देवघर में रविवार को हुए त्रिकूट रोपवे हादसे में अब तक 38 लोगों को बचाया जा चुका है। वहीं, बचाव कार्य के दौरान सोमवार को एक व्यक्ति खाई में गिर गया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
झारखंड के देवघर में रविवार को हुए रोपवे हादसे में बचाव कार्य के दौरान सोमवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। दरअसल, बचाव अभियान के दौरान रोपवे की ट्रॉली में फंसे एक व्यक्ति को निकालते समय वह नीचे गिर गया। अंधेरा बढ़ने की वजह से फिलहाल बचाव कार्य रोक दिया गया है। जानकारी के अनुसार अब तक 32 लोगों को बचा लिया गया है और 15 लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार बचाव अभियान के दौरान एक व्यक्ति को ट्रॉली से निकालकर हेलीकॉप्टर में लाया जा रहा था। इसी दौरान उसका हाथ छूट गया और वह खाई में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। त्रिकूट पर्वत पर हुए इस हादसे के बाच लोगों को बचाने के काम की कमान भारतीय वायु सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने संभाल रखी है।
इस हादसे में रविवार को एक महिला की मौत हो गई थी। रविवार को रामनवमी की पूजा करने और घूमने के उद्देश्य से यहां सैंकड़ों पर्यटक पहुंचे थे। इस दौरान रोपवे की एक ट्रॉली नीचे आ रही थी, जो ऊपर की ओर जा रही ट्रॉली से टकरा गई। जिस समय यह हादसा हुआ करीब दो दर्जन ट्राली ऊपर थीं। करीब 18 ट्रॉलियां ऊपर ही फंसी रह गईं, जिसमें 40 लोग सवार थे। इनमें छोटे बच्चे व महिलाएं भी हैं।
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि यात्रियों को वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया है। तकनीकी खराबी की वजह से रोपवे की ट्रॉलियां आपस में टकरा गई थीं जिस वजह से यह हादसा हुआ। फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाना और पानी दिया जा रहा है। घटनास्थल बाबा बैद्यनाथ के प्रसिद्ध मंदिर से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर है।
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बचाव और राहत अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। सरकार स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। रोपवे का संचालन एक निजी कंपनी कर रही है। इसे चला रहे परिचालक दुर्घटना के कुछ देर बाद ही इलाके से भाग गए थे। झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार यह रोपवे 766 मीटर लंबा है और पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है।
विस्तार
झारखंड के देवघर में रविवार को हुए रोपवे हादसे में बचाव कार्य के दौरान सोमवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। दरअसल, बचाव अभियान के दौरान रोपवे की ट्रॉली में फंसे एक व्यक्ति को निकालते समय वह नीचे गिर गया। अंधेरा बढ़ने की वजह से फिलहाल बचाव कार्य रोक दिया गया है। जानकारी के अनुसार अब तक 32 लोगों को बचा लिया गया है और 15 लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार बचाव अभियान के दौरान एक व्यक्ति को ट्रॉली से निकालकर हेलीकॉप्टर में लाया जा रहा था। इसी दौरान उसका हाथ छूट गया और वह खाई में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। त्रिकूट पर्वत पर हुए इस हादसे के बाच लोगों को बचाने के काम की कमान भारतीय वायु सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने संभाल रखी है।
इस हादसे में रविवार को एक महिला की मौत हो गई थी। रविवार को रामनवमी की पूजा करने और घूमने के उद्देश्य से यहां सैंकड़ों पर्यटक पहुंचे थे। इस दौरान रोपवे की एक ट्रॉली नीचे आ रही थी, जो ऊपर की ओर जा रही ट्रॉली से टकरा गई। जिस समय यह हादसा हुआ करीब दो दर्जन ट्राली ऊपर थीं। करीब 18 ट्रॉलियां ऊपर ही फंसी रह गईं, जिसमें 40 लोग सवार थे। इनमें छोटे बच्चे व महिलाएं भी हैं।
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि यात्रियों को वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया है। तकनीकी खराबी की वजह से रोपवे की ट्रॉलियां आपस में टकरा गई थीं जिस वजह से यह हादसा हुआ। फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाना और पानी दिया जा रहा है। घटनास्थल बाबा बैद्यनाथ के प्रसिद्ध मंदिर से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर है।
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बचाव और राहत अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। सरकार स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। रोपवे का संचालन एक निजी कंपनी कर रही है। इसे चला रहे परिचालक दुर्घटना के कुछ देर बाद ही इलाके से भाग गए थे। झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार यह रोपवे 766 मीटर लंबा है और पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है।
Source link