सीआरपीएफ के डीजी बोले: अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकियों की घुसपैठ-पत्थरबाजी के मामलों में भारी कमी, लौट सकते हैं कश्मीरी पंडित


सार

सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने बताया कि पिछले एक साल में घाटी में 175 आतंकियों को मार गिराया गया है। जबकि 183 गिरफ्तार किए गए। इसी तरह 1500 माओवादियों और उग्रवादियों को भी गिरफ्तार किया गया।

ख़बर सुनें

केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने कहा, घाटी में माहौल ऐसा है कि कश्मीरी पंडित वापस आ सकते हैं। कश्मीर में सीआरपीएफ के कई कैंप और मुख्यालय वैसे घरों और मंदिरों में चल रहे हैं, जिन्हें कश्मीरी पंडित छोड़ कर गए थे। अगर वे घाटी में वापस आते हैं तो उनके घर खाली कर दिए जाएंगे। डीजी के मुताबिक सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में दस जगहों पर 524 कनाल जमीन ली है, जहां कैंप बनाए जाएंगे। अब सुरक्षा बल का कोई भी कैंप वहां के स्कूल परिसर में नहीं लगा है।

डीजी के मुताबिक कश्मीर में माहौल काफी तेजी से सुधर रहा है। सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कई क्षेत्र में सकारात्मक काम कर रही है। 12 मार्च को सोपियां में आतंकियों के हाथों मारे गए सीआरपीएफ जवान मुख्तार अहमद के सवाल पर डीजी ने कहा, सीआरपीएफ के साथ ऐसी घटना पहली बार हुई। 

आतंकी तंत्र घाटी में आने जाने वालों पर नजर रखते हैं। मुख्तार अहमद छुट्टी पर थे। फोर्स ने इस घटना के बाद ही कातिल को कम से कम समय में पकड़ लिया। आतंकियों के धार्मिक स्थानों पर पनाह लेने से संबंधित सवाल पर कुलदीप सिंह ने कहा, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। वह जहां भी छुपेंगे सुरक्षा एजेंसियों उन्हें ढूढेंगी और मार गिराएंगी।

सालभर में 175 आतंकी ढेर किए
डीजी ने कुलदीप सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में निश्चित रूप से समय-समय पर उछाल आया है, लेकिन सुरक्षा बलों ने इसे तुरंत रोक लिया है। दिसंबर और जनवरी के महीने सुरक्षा बलों के लिए बहुत अच्छे रहे हैं और उनकी सफलता दर ज्यादा रही है और कई बार आतंकवादी हिंसा में तेजी देखी जाती है। डीजी ने बताया कि पिछले एक साल में घाटी में 175 आतंकियों को मार गिराया गया है। जबकि 183 गिरफ्तार किए गए। इसी तरह 1500 माओवादियों और उग्रवादियों को भी गिरफ्तार किया गया। जबकि 750 को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया गया। पिछले एक साल में उनके 12 जवानों ने ड्यूटी पर अपने प्राण न्यौछावर किए, जबकि 169 मामूली या गंभीर रूप से घायल हुए।
जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों में अन्य अर्धसैनिक बलों के मुकाबले सबसे बड़ी संख्या में तैनात सीआरपीएफ शनिवार को अपना 83वां स्थापना दिवस मना रही है। बृहस्पतिवार को इस मौके पर कुलदीप सिंह ने बताया, समारोह परेड जम्मू के एमए स्टेडियम में होगा। ऐसा पहली बार हो रहा है कि फोर्स का समारोह दिल्ली-एनसीआर के बाहर मनाया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह इस समारोह में हिस्सा ले सकते हैं।

सीआरपीएफ ने ड्यूटी के दौरान शहीद होने पर अनुग्रह राशि बढ़ाकर 30 लाख की
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने नौकरी के दौरान मारे गए जवानों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि 20 लाख से  बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी है। सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि जोखिम कोष से वित्तीय मदद के तहत ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले जवानों के लिए अनुग्रह राशि 10 लाख रुपये बढ़ाई गई है। 

वहीं, अन्य मामलों में भी अनुग्रह राशि पांच लाख रुपये बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। महानिदेशक ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद से पत्थरबाजी की घटना में कमी आई है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अब वैसी स्थिति नहीं है कि हालात नियंत्रण से बाहर हों।

विस्तार

केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने कहा, घाटी में माहौल ऐसा है कि कश्मीरी पंडित वापस आ सकते हैं। कश्मीर में सीआरपीएफ के कई कैंप और मुख्यालय वैसे घरों और मंदिरों में चल रहे हैं, जिन्हें कश्मीरी पंडित छोड़ कर गए थे। अगर वे घाटी में वापस आते हैं तो उनके घर खाली कर दिए जाएंगे। डीजी के मुताबिक सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में दस जगहों पर 524 कनाल जमीन ली है, जहां कैंप बनाए जाएंगे। अब सुरक्षा बल का कोई भी कैंप वहां के स्कूल परिसर में नहीं लगा है।

डीजी के मुताबिक कश्मीर में माहौल काफी तेजी से सुधर रहा है। सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कई क्षेत्र में सकारात्मक काम कर रही है। 12 मार्च को सोपियां में आतंकियों के हाथों मारे गए सीआरपीएफ जवान मुख्तार अहमद के सवाल पर डीजी ने कहा, सीआरपीएफ के साथ ऐसी घटना पहली बार हुई। 

आतंकी तंत्र घाटी में आने जाने वालों पर नजर रखते हैं। मुख्तार अहमद छुट्टी पर थे। फोर्स ने इस घटना के बाद ही कातिल को कम से कम समय में पकड़ लिया। आतंकियों के धार्मिक स्थानों पर पनाह लेने से संबंधित सवाल पर कुलदीप सिंह ने कहा, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। वह जहां भी छुपेंगे सुरक्षा एजेंसियों उन्हें ढूढेंगी और मार गिराएंगी।

सालभर में 175 आतंकी ढेर किए

डीजी ने कुलदीप सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में निश्चित रूप से समय-समय पर उछाल आया है, लेकिन सुरक्षा बलों ने इसे तुरंत रोक लिया है। दिसंबर और जनवरी के महीने सुरक्षा बलों के लिए बहुत अच्छे रहे हैं और उनकी सफलता दर ज्यादा रही है और कई बार आतंकवादी हिंसा में तेजी देखी जाती है। डीजी ने बताया कि पिछले एक साल में घाटी में 175 आतंकियों को मार गिराया गया है। जबकि 183 गिरफ्तार किए गए। इसी तरह 1500 माओवादियों और उग्रवादियों को भी गिरफ्तार किया गया। जबकि 750 को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया गया। पिछले एक साल में उनके 12 जवानों ने ड्यूटी पर अपने प्राण न्यौछावर किए, जबकि 169 मामूली या गंभीर रूप से घायल हुए।



Source link

Enable Notifications OK No thanks