अभय पन्नू ने कहा, ‘जब मैं अपनी रिसर्च कर रहा था तो उसमें इस बारे में पर्याप्त जानकारी मिली कि सीआईए ने भारत में बड़े कार्यालयों में अपने लोग लगा रखे थे। 50 और 60 के दशक में सीआईए ने भारत में एक पब्लिकेशन हाउस शुरू किया जिसे सीआईए से फंडिंग हो रही थी। यहीं से सीरीज में प्रसेनजीत डे का किरादार आता है। सीरीज में लिखे गए सभी किरदार जो कुछ मैंने पढ़ा है उससे प्रेरित हैं।’
अभय ने आगे कहा, ‘मैं ऐसा बिल्कुल नहीं कहूंगा कि सब कुछ पूरी तरह काल्पनिक है और यह भी नहीं कहूंगा कि सब कुछ सच्चाई है। बिल्कुल, हमने कई चीजों को नाटकीय रूप में दिखाया है। क्या विश्वेष माथुर वास्तव में होमी जहांगीर भाभा के इतने नजदीकी थे? इसके जवाब में अभय ने कहा कि बिल्कुल नहीं, यहां तक कि वह सच में थे भी नहीं। लेकिन मुझे लगता है कि अगर वास्तव में सीआईए और केजीबी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में घुसपैठ की थी तो वे अटॉमिक एनर्जी कमीशन में क्यों नहीं कर सकते? ये किरदार असल इंसानों पर आधारित हैं लेकिन वे दरअसल असल इंसान नहीं हैं।’
इस सीरीज में जिम सरभ के अलावा इश्वक सिंह को विक्रम साराभाई, रेजिन कसैंड्रा को मृणानिनी साराभाई, सबा आजाद को परवाना ईरानी, रजित कपूर को जवाहर लाल नेहरू और अर्जुन राधाकृष्णा को एपीजे अब्दुल कलाम के रूप में देखा जा सकता है। इस सीरीज का दूसरा सीजन भी काफी शूट हो चुका है।
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रॉकेट बॉयज में जिम सरभ