Earthquake: जम्मू-कश्मीर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.3 रही तीव्रता


एएनआई, जम्मू-कश्मीर
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 29 Mar 2022 08:12 AM IST

सार

लेह के उत्तर में मंगलवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे धरती कांप उठी। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की 4.3 मापी गई। 

सांकेतिक फोटो

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विस्तार

जम्मू-कश्मीर में अलची (लेह) के उत्तर में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप के झटके सुबह करीब 7:29 बजे महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की 4.3 गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप की पुष्टि की है।

कैसे आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

 



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