झारखंड: आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के परिसरों पर छापेमारी, ईडी ने जब्त किए 19.31 करोड़ नकद, सीएम सोरेन की हैं खास


सार

पूजा सिंघल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह पहले खूंटी जिले में उपायुक्त के रूप में तैनात थीं।

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल से जुड़े अलग-अलग स्थानों से 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। सिंघल खनन एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव हैं और उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का करीबी माना जाता है। 

ईडी की यह कार्रवाई अवैध खनन मामले से जुड़ी हुई थी। इसने देशभर में 18 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें झारखंड में सबसे ज्यादा जगहों पर छापे पड़े हैं। बताया जा रहा है कि ईडी को काफी समय से अवैध खनन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायतें मिल रही थीं।

ईडी सिंघल के खिलाफ शिकायत के आधार पर कर रही है जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह अपनी मर्जी से रेत खनन के लिए ठेके अपने पसंद के ठेकेदारों को ही दे रही हैं। झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने यह शिकायत फरवरी 2022 में ईडी के पास दर्ज कराई थी। 

इसके साथ ही, ईडी खूंटी और छतरा जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम (मनरेगा) में अनियमितताओं में सिंघल की संलिप्तता की जांच भी कर रही है। पूजा सिंघल साल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह पहले खूंटी जिले में उपायुक्त के रूप में तैनात थीं।

खनन लीज को लेकर सोरेन को निर्वाचन आयोग जारी कर चुका है नोटिस
इससे पहले दो मई को भारतीय निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक नोटिस जारी किया था। यह नोटिस उनके खिलाफ एक खनन लीज पर पद का लाभ लेने के आरोप पर जारी हुआ था। आयोग ने सोरेन से सफाई मांगी कि उनके पक्ष में खनन पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन है।

विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल से जुड़े अलग-अलग स्थानों से 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। सिंघल खनन एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव हैं और उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का करीबी माना जाता है। 

ईडी की यह कार्रवाई अवैध खनन मामले से जुड़ी हुई थी। इसने देशभर में 18 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें झारखंड में सबसे ज्यादा जगहों पर छापे पड़े हैं। बताया जा रहा है कि ईडी को काफी समय से अवैध खनन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायतें मिल रही थीं।

ईडी सिंघल के खिलाफ शिकायत के आधार पर कर रही है जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह अपनी मर्जी से रेत खनन के लिए ठेके अपने पसंद के ठेकेदारों को ही दे रही हैं। झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने यह शिकायत फरवरी 2022 में ईडी के पास दर्ज कराई थी। 

इसके साथ ही, ईडी खूंटी और छतरा जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम (मनरेगा) में अनियमितताओं में सिंघल की संलिप्तता की जांच भी कर रही है। पूजा सिंघल साल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह पहले खूंटी जिले में उपायुक्त के रूप में तैनात थीं।

खनन लीज को लेकर सोरेन को निर्वाचन आयोग जारी कर चुका है नोटिस

इससे पहले दो मई को भारतीय निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक नोटिस जारी किया था। यह नोटिस उनके खिलाफ एक खनन लीज पर पद का लाभ लेने के आरोप पर जारी हुआ था। आयोग ने सोरेन से सफाई मांगी कि उनके पक्ष में खनन पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन है।



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