Bihar: फुलवारी शरीफ ‘आतंकवादी मॉड्यूल’ मामले में ईडी करेगी जांच, मनी लांड्रिंग को लेकर आरोपियों से होगी पूछताछ


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हाल ही में बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पुलिस द्वारा किए गए ‘आतंकवादी मॉड्यूल’ के खुलासे के बाद इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि फुलवारी शरीफ में चलाए जा रहे प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के माड्यूल के लिए झारखंड से फंडिंग की जा रही थी। वहीं अब सामने आया है कि इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय जांच शुरू करने जा रहा है। 

ईडी करेगी जांच
पटना पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने पटना पुलिस की इस प्राथमिकी का संज्ञान लिया है। ईडी पीएफआई, उसके सदस्यों और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ जांच करेगी। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ करेगी। उनके द्वारा लेन-देन किए गए धन का पता लगाने के लिए जांच करेगी कि क्या उनके द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से रुपये इकट्ठे किए गए थे। 

पीएफआई से जुड़े कई मामलों में पहले ही चल रही है जांच
दरअसल, ईडी देश में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के विरोध को हवा देने के आरोप और फरवरी, 2020 में हुए दिल्ली दंगे, हाथरस (यूपी जिला) मामले में पीएफआई के कथित “वित्तीय लिंक” की जांच कर रही है। एजेंसी ने पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दो आरोप पत्र दायर किए हैं। एजेंसी ने पिछले महीने इन जांचों के तहत पीएफआई और उसके ‘फ्रंट’ संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन की 68.62 लाख रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि कुर्क की थी।

गौरतलब है कि 13 जुलाई को राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से बिहार पुलिस ने झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जल्लाउद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी नूरुद्दीन जंगी को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने बिहार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ से गिरफ्तार किया था।

क्या था मामला
‘आतंकवादी मॉड्यूल’ का खुलासा करते हुए पटना पुलिस ने कहा था कि जल्लाउद्दीन और परवेज स्थानीय लोगों को तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखा रहे थे। इतना ही नहीं वे उन्हें सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसा रहे थे।  पुलिस ने यह भी बताया था कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के पीएफआई से संबंध हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास से इस्लामी चरमपंथ से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

पुलिस ने कहा कि उन्होंने जल्लाउद्दीन और परवेज के खिलाफ तलाशी अभियान के बाद अंग्रेजी में लिखे दो पैम्फलेट-इंडिया 2047: टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, 20 फरवरी 2021 को बरामद किया था। यूपी के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने कहा था कि मामले में गिरफ्तार किए गए तीसरे आरोपी नूरुद्दीन ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि वह 2015 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दरभंगा जिलाध्यक्ष के संपर्क में आया था और तब से संगठन से जुड़ा हुआ है।

विस्तार

हाल ही में बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पुलिस द्वारा किए गए ‘आतंकवादी मॉड्यूल’ के खुलासे के बाद इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि फुलवारी शरीफ में चलाए जा रहे प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के माड्यूल के लिए झारखंड से फंडिंग की जा रही थी। वहीं अब सामने आया है कि इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय जांच शुरू करने जा रहा है। 

ईडी करेगी जांच

पटना पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने पटना पुलिस की इस प्राथमिकी का संज्ञान लिया है। ईडी पीएफआई, उसके सदस्यों और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ जांच करेगी। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ करेगी। उनके द्वारा लेन-देन किए गए धन का पता लगाने के लिए जांच करेगी कि क्या उनके द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से रुपये इकट्ठे किए गए थे। 

पीएफआई से जुड़े कई मामलों में पहले ही चल रही है जांच

दरअसल, ईडी देश में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के विरोध को हवा देने के आरोप और फरवरी, 2020 में हुए दिल्ली दंगे, हाथरस (यूपी जिला) मामले में पीएफआई के कथित “वित्तीय लिंक” की जांच कर रही है। एजेंसी ने पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दो आरोप पत्र दायर किए हैं। एजेंसी ने पिछले महीने इन जांचों के तहत पीएफआई और उसके ‘फ्रंट’ संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन की 68.62 लाख रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि कुर्क की थी।

गौरतलब है कि 13 जुलाई को राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से बिहार पुलिस ने झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जल्लाउद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी नूरुद्दीन जंगी को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने बिहार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ से गिरफ्तार किया था।

क्या था मामला

‘आतंकवादी मॉड्यूल’ का खुलासा करते हुए पटना पुलिस ने कहा था कि जल्लाउद्दीन और परवेज स्थानीय लोगों को तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखा रहे थे। इतना ही नहीं वे उन्हें सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसा रहे थे।  पुलिस ने यह भी बताया था कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के पीएफआई से संबंध हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास से इस्लामी चरमपंथ से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

पुलिस ने कहा कि उन्होंने जल्लाउद्दीन और परवेज के खिलाफ तलाशी अभियान के बाद अंग्रेजी में लिखे दो पैम्फलेट-इंडिया 2047: टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, 20 फरवरी 2021 को बरामद किया था। यूपी के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने कहा था कि मामले में गिरफ्तार किए गए तीसरे आरोपी नूरुद्दीन ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि वह 2015 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दरभंगा जिलाध्यक्ष के संपर्क में आया था और तब से संगठन से जुड़ा हुआ है।



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