Education Loan: एजुकेशन लोन से दूर होगी बच्चों की पढ़ाई की टेंशन, उठा सकेंगे कई तरह की Tax छूट का लाभ


नई दिल्ली. बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च हर साल बढ़ता जा रहा है. इसकी जरूरतें पूरी करने के लिए अधिकतर अभिभावकों को एजुकेशन लोन (Education Loan) की जरुरत होती है. इस कर्ज से न सिर्फ पढ़ाई का सपना पूरा होगा बल्कि कई तरह से टैक्स छूट (Tax Benefits) का भी लाभ मिल जाएगा.

अभिवावक अक्सर सोचते हैं कि जब बच्चा उच्च शिक्षा के लिए जाए तो पैसा कहां से आएगा. वह एजुकेशन लोन की बात को नकारते हैं. अगर कोई अभिभावक (Guardian) एजुकेशन लोन लेता भी तो है उसे इस पर मिलने वाली कुछ टैक्स छूट के बारे में जानकारी नहीं होती है. आज आप जानेंगे कि एजुकेशन लोन कैसे टैक्स छूट दिलाता है.

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मिलता है मोरेटोरियम का भी लाभ
बैंकबाजार से मिली जानकारी के अनुसार, किसी भी कोर्स के लिए एजुकेशन लोन लेने से पहले बैंक संस्थान (कॉलेज) की प्रामाणिकता को जांचते हैं. कर्ज के रीपेमेंट क्षमता के आधार पर कर्ज की राशि तय करते हैं. 7.5 लाख रुपये से ज्यादा की राशि होने पर बैंक इस लोन के बदले में कॉलेटेरल सिक्योरिटी मांगते हैं और अभिभावक को लोन का को-अप्लीकेंट भी बनाते हैं. इस लोन पर कोर्स की अवधि के बाद 6-12 महीने तक मोरेटोरियम दिया जाता है.

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अभिभावन को टैक्स छूट
इस दौरान वैसे तो कर्ज रीपेमेंट (Loan Repayment) से छूट रहती है, लेकिन सामान्य ब्याज लगता है. मोरेटोरियम खत्म होने के बाद ब्याज को मूल कर्ज में जोड़कर ईएमआई तय होती है. अगर मोरेटोरियम अवधि में अभिभावक सामान्य ब्याज का भुगतान करता है तो इस राशि पर उन्हें टैक्स छूट मिल जाएगी.

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छूट की कोई सीमा नहीं
एजुकेशन लोन पर ब्याज में कर कटौती का असीमित लाभ मिलता है. टैक्स छूट का दावा उसी वर्ष से शुरू हो जाता है, जिस साल में लोन चुकाना शुरू होता है. अगले 7 साल तक इसका लाभ मिलता है. यानी कुल 8 साल तक आप टैक्स छूट ले सकते हैं.

ऐसे समझें आकलन
दो बच्चों की शिक्षा ऋण पर एकसाथ कर छूट मिलती है. यदि दो बच्चों के लिए 10 फीसदी ब्याज दर पर 25-25 लाख का लोन लिया है तो कुल 50 लाख रुपये पर सालाना ब्याज 5 लाख रुपये देना होगा. इस पूरी राशि पर टैक्स छूट मिलेगी.

आवेदन के समय बरतें सावधानी
टैक्स विशेषज्ञ अतुल गर्ग का कहना है कि एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का लाभ सबसे ज्यादा मिलता है. हालांकि, लोन लेने से पहले ब्याज दर, प्रोसेसिंग शुल्क व अन्य लागत को सावधानीपूर्वक देख लेना चाहिए. कर्ज का रीपेमेंट भी तय समय पर कर दें  तो आपका सिबिल बेहतर हो जाएगा और आगे होम या कार लोन मिलने में आसानी होगी.

कोर्स पूरा होने के बाद छात्र को भी टैक्स में राहत
मोरेटोरियम के दौरान अभिभावक को ब्याज भुगतान पर छूट मिलती है, जबकि नौकरी लगने के बाद अगर छात्र कर्ज का रीपेमेंट करता है तो तक छूट का लाभ उसे मिलना शुरू हो जाता है. किसी ने 20 लाख का एजुकेशन लोन लिया और कोर्स की अवधि 4 साल है. इसके एक साल बाद कर्ज रीपेमेंट शुरू होता है तो शुरुआती 5 साल तक अभिभावक को टैक्स में राहत मिलेगी. नौकरी लगने पर कर्ज की पूरी अवधि के दौरान छात्र को टैक्स में छूट मिलेगी.

Tags: Education Loan, Income tax exemption

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