कम आमदनी का असर: रेल डिवीजन फिरोजपुर ने पंजाब के 11 और हिमाचल प्रदेश के दो स्टेशन किए बंद, अब यहां नहीं रुकेंगी ट्रेनें


अनिल कुमार, संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजपुर (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sun, 10 Apr 2022 01:58 AM IST

सार

ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे बहुत बड़ी संस्था है, उसे ऐसे स्टेशनों से कमाई नहीं बल्कि लोगों को सुविधा प्रदान करनी चाहिए। लोगों की मांग है कि बंद किए सभी स्टेशन दोबारा से शुरू किए जाएं और ट्रेनों का स्टापेज निश्चित किया जाए।

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रेल डिवीजन फिरोजपुर ने आमदनी नहीं होने के चलते पंजाब के 11 और हिमाचल प्रदेश के दो स्टेशन बंद कर दिए हैं, अब इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी। इनमें हिमाचल प्रदेश और पंजाब का एक-एक धार्मिक स्टेशन भी शामिल है। 63 साल पुराने रेलवे स्टेशन को भी बंद कर दिया है। रेलवे के इस फैसले से उक्त स्टेशनों से लगते गांवों के लोग बहुत नाराज हैं। ये स्टेशन तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, लुधियाना और पठानकोट रेल सेक्शन पर बने हैं।

रेलवे के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने आमदनी नहीं होने के चलते पंजाब में पड़ते रेलवे स्टेशन वैनपोईं, दुखना वारन, भलोजाला, घंद्रण, जांडोक, चौंतड़ा भटेड (हिमाचल प्रदेश), कोटला गुजरा, संग्राना साहिब (गुरुद्वारा), भनोहड़ पंजाब, वरपाल (जीआरवी), मालमोहरी, बैजनाथ मंदिर (हिमाचल प्रदेश) व मंदहाली को पूर्ण तौर पर बंद कर दिया है। जिन लोगों ने टिकट बेचने का ठेका लिया था उन्हें स्टेशन बंद करने संबंधी पत्र जारी कर दिया गया है। कई स्टेशन बहुत पुराने हैं उन्हें भी रेलवे ने बंद कर दिया है। इन स्टेशनों के साथ कई गांव लगते हैं, ऐसे में यहां के ग्रामीण स्टेशन बंद करने से नाराज है, क्योंकि अब ट्रेनें उक्त स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी। 

1958 में बनाया गया था भनोहड़ स्टेशन

फिरोजपुर और लुधियाना के बीच स्थित भनोहड़ स्टेशन हैं, जो आठ दिसंबर 1958 में लोगों की सुविधाओं को देखते हुए बनाया था। यहां के ज्यादातर नौजवान सेना में कार्यरत हैं। यहां के निवासी दर्शन सिंह व रेशम सिंह का कहना है कि इस स्टेशन को बने 63 साल हो चुके हैं। रेल डिवीजन फिरोजपुर ने वर्ष 2002 में उक्त स्टेशन को तोड़ना शुरू किया था। गांव के सरपंच समेत सभी ग्रामीण इक्ट्ठे होकर फिरोजपुर मंडल कार्यालय गए थे और डीआरएम से मिले और इसे फिर से शुरू करवाया था। लेकिन अब 31 मार्च को एक पत्र जारी कर इसे बंद करने का आदेश दिया गया है। अब यहां पर ट्रेनें नहीं रुक रही हैं। 

ग्रामीणों ने बताया कि यहां से रोजाना करीब सौ लोग ट्रेनों में सफर करते हैं। कोविड-19 के दौरान दो साल तक ट्रेनें बंद रही और अब भी पूरी ट्रेनें नहीं चल रही हैं। ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे बहुत बड़ी संस्था है, उसे ऐसे स्टेशनों से कमाई नहीं बल्कि लोगों को सुविधा प्रदान करनी चाहिए। लोगों की मांग है कि बंद किए सभी स्टेशन दोबारा से शुरू किए जाएं और ट्रेनों का स्टापेज निश्चित किया जाए। इस संबंध में वे दिल्ली स्थित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिलेंगे। उक्त स्टेशन बंद करने के आदेश रेल डिवीजन फिरोजपुर के डिवीजनल कामर्शियल मैनेजर अजय कुमार ने जारी किए हैं। सभी स्टेशन को पत्र भेज कर बंद करने की बात कही है।

विस्तार

रेल डिवीजन फिरोजपुर ने आमदनी नहीं होने के चलते पंजाब के 11 और हिमाचल प्रदेश के दो स्टेशन बंद कर दिए हैं, अब इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी। इनमें हिमाचल प्रदेश और पंजाब का एक-एक धार्मिक स्टेशन भी शामिल है। 63 साल पुराने रेलवे स्टेशन को भी बंद कर दिया है। रेलवे के इस फैसले से उक्त स्टेशनों से लगते गांवों के लोग बहुत नाराज हैं। ये स्टेशन तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, लुधियाना और पठानकोट रेल सेक्शन पर बने हैं।

रेलवे के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने आमदनी नहीं होने के चलते पंजाब में पड़ते रेलवे स्टेशन वैनपोईं, दुखना वारन, भलोजाला, घंद्रण, जांडोक, चौंतड़ा भटेड (हिमाचल प्रदेश), कोटला गुजरा, संग्राना साहिब (गुरुद्वारा), भनोहड़ पंजाब, वरपाल (जीआरवी), मालमोहरी, बैजनाथ मंदिर (हिमाचल प्रदेश) व मंदहाली को पूर्ण तौर पर बंद कर दिया है। जिन लोगों ने टिकट बेचने का ठेका लिया था उन्हें स्टेशन बंद करने संबंधी पत्र जारी कर दिया गया है। कई स्टेशन बहुत पुराने हैं उन्हें भी रेलवे ने बंद कर दिया है। इन स्टेशनों के साथ कई गांव लगते हैं, ऐसे में यहां के ग्रामीण स्टेशन बंद करने से नाराज है, क्योंकि अब ट्रेनें उक्त स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी। 

1958 में बनाया गया था भनोहड़ स्टेशन

फिरोजपुर और लुधियाना के बीच स्थित भनोहड़ स्टेशन हैं, जो आठ दिसंबर 1958 में लोगों की सुविधाओं को देखते हुए बनाया था। यहां के ज्यादातर नौजवान सेना में कार्यरत हैं। यहां के निवासी दर्शन सिंह व रेशम सिंह का कहना है कि इस स्टेशन को बने 63 साल हो चुके हैं। रेल डिवीजन फिरोजपुर ने वर्ष 2002 में उक्त स्टेशन को तोड़ना शुरू किया था। गांव के सरपंच समेत सभी ग्रामीण इक्ट्ठे होकर फिरोजपुर मंडल कार्यालय गए थे और डीआरएम से मिले और इसे फिर से शुरू करवाया था। लेकिन अब 31 मार्च को एक पत्र जारी कर इसे बंद करने का आदेश दिया गया है। अब यहां पर ट्रेनें नहीं रुक रही हैं। 

ग्रामीणों ने बताया कि यहां से रोजाना करीब सौ लोग ट्रेनों में सफर करते हैं। कोविड-19 के दौरान दो साल तक ट्रेनें बंद रही और अब भी पूरी ट्रेनें नहीं चल रही हैं। ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे बहुत बड़ी संस्था है, उसे ऐसे स्टेशनों से कमाई नहीं बल्कि लोगों को सुविधा प्रदान करनी चाहिए। लोगों की मांग है कि बंद किए सभी स्टेशन दोबारा से शुरू किए जाएं और ट्रेनों का स्टापेज निश्चित किया जाए। इस संबंध में वे दिल्ली स्थित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिलेंगे। उक्त स्टेशन बंद करने के आदेश रेल डिवीजन फिरोजपुर के डिवीजनल कामर्शियल मैनेजर अजय कुमार ने जारी किए हैं। सभी स्टेशन को पत्र भेज कर बंद करने की बात कही है।



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