हाइलाइट्स
नैनो-मटेरियल का उपयोग करके सोडियम आयन बेस्ड बैटरी को बनाया गया है.
इन बैटरियों को लिथियम आयन बैटरियों की तुलना में ज्यादा बेहतर माना जाता है.
सोडियम मटेरियल लिथियम-बेस्ड सामग्रियों की तुलना में न केवल सस्ता है.
नई दिल्ली. दुनिया भर में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग तेजी से बढ़ रही है. इसकी दिशा में हर रोज नए-नए इनोवेशन हो रहे हैं. हाल ही में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए IIT खड़गपुर के रिसर्सचर्स ने नैनो-मटेरियल का उपयोग करके सोडियम आयन बेस्ड बैटरी और सुपरकैपेसिटर विकसित किए हैं. सोडियम आयन बैटरियों को लिथियम आयन बैटरियों की तुलना में ज्यादा बेहतर माना जाता है, क्योंकि सोडियम प्राकृतिक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और उससे बनी बैटरियों की लागत कम होती है.
सोडियम आयन बेस्ड एनर्जी टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए शोध करने वाले और टीम को लीड कर रहे आईआईटी खड़गपुर के फिजिक्स के प्रोफेसर अमरीश चंद्रा बताते है कि इन बैटरियों को काफी तेजी से चार्ज किया जा सकता है और फिर इलेक्ट्रिक साइकिल के साथ इंटीग्रेटेड किया जा सकता है.
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आयात होने वाले लिथियम पर कम होगी निर्भरता
प्रोफेसर चंद्रा ने कहा कि सोडियम-आयन बैटरी और सुपरकैपेसिटर, लिथियम-आयन आधारित ऊर्जा भंडारण उपकरणों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. सोडियम-आधारित ऑक्साइड और कार्बन के नए नैनोस्ट्रक्चर के संयोजन से उच्च ऊर्जा और शक्ति घनत्व वाले उपकरण बनते हैं. उन्होंने कहा कि इन ऊर्जा भंडारण उपकरणों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और कई अन्य उपकरणों में आसानी से किया जा सकता है और आयातित लिथियम पर हमारी निर्भरता को खत्म कर देगा, जो दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में ही पाया जाता है.
काफी सस्ती होता है सोडियम
सोडियम मटेरियल लिथियम-बेस्ड सामग्रियों की तुलना में न केवल सस्ता है, बल्कि इनका प्रदर्शन भी अच्छा होता है. इन बैटरियों का औद्योगिक स्तर के उत्पादन तक बढ़ाया जा सकता है. एक सोडियम-आयन सेल से बनी बैटरी को भी कैपेसिटर की तरह जीरो वोल्ट में डिस्चार्ज किया जा सकता है, जिससे यह कई अन्य स्टोरेज तकनीकों की तुलना में एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है.
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25 प्रतिशत तक सस्ते हो जाएंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल
प्रोफेसर ने कहा कि आगे के विकास के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत को 10,000-15,000 रुपये के दायरे में लाया जा सकता है, जिससे वे लिथियम-आयन स्टोरेज टेक्नोलॉजी-आधारित इलेक्ट्रिक साइकिल की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत अधिक किफायती हो जाएंगे. सोडियम आयन बैटरियों को नष्ट करना भी काफी आसान है. इसका जलवायु पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं होगा. इन बैटरियों को तेजी से चार्ज भी किया जा सकता है.
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Tags: Auto News, Autofocus, Automobile, Electric Vehicles
FIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 14:15 IST