Twitter की कमान हाथ में आते ही मस्क ने कंपनी में बदलाव करना शुरू कर दिया। मस्क ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल के साथ-साथ सीएफओ नेड सेगल, जनरल काउंसल सीन एडगेट और लीगल पॉलिसी, ट्रस्ट और सिक्योरिटी हेड विजया गड्डे को भी नौकरी से हटा दिया है। ट्विटर के लिए जब से बोली लगी थी तब से ही पराग अग्रवाल और मस्क के बीच तनाव बना हुआ था। अब मस्क के ट्विटर में कदम रखते ही इन सभी लोगों के ऑफिस छोड़कर जाने की खबर है।वाशिंगटन टाइम्स ने इसकी पुष्टि की।
ट्विटर ऑफिस में एक दिन पहले सिंक लेकर गए थे मस्क
डील पूरी होने से एक दिन पहले मस्क ट्विटर के ऑफिस में दिखाई दिए थे। वो अपने हाथ में एक सिंक लेकर पहुंचे थे। उनको ऐसे देख सब हैरान हो गए। उन्होंने इसका वीडियो भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था। कैप्शन में उन्होंने लिखा था, ‘Twitter हे़डक्वार्टर में प्रवेश, इसे डूबने दो।’ इतना ही नहीं उन्होंने डील के क्लोज होने से पहले अपने प्रोफाइल में खुद को ट्विटर का चीफ बनने का इशारा देते हुए ‘चीफ ट्वीट’ भी लिखा था।
मस्क ने क्यों खरीदा Twitter?
एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने की वजह भी बताई है। उन्होंने लिखा, ‘इस बारे में बहुत से अनुमान लगाए गए, लेकिन इनमें से ज्यादातर गलत हैं। मैंने ट्विटर को इसलिए खरीदा है क्योंकि कल्चर के लिए एक कॉमन डिजिटल टाउन स्क्वायर होना जरूरी है। जहां पर बिना किसी हिंसा के, हेल्दी तरीके से विचारों पर वाद-विवाद किया जा सके।’
मस्क ने इसके अलावा और भी कई पहलुओं पर लिखा जिसमें ट्विटर पर दिखाई देने वाले विज्ञापन भी शामिल हैं। मस्क ने कहा कि बेमतलब के विज्ञापन प्लेटफॉर्म पर स्पैम की तरह हैं। लेकिन जो विज्ञापन किसी चीज से महत्वपूर्ण संबंध रखते हैं, वह असल में कंपनी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने का कहा कि प्लेटफॉर्म अब बिना सिर पैर की कोई सामग्री नहीं परोसी जाएगी।
कब, कैसे, किन विवादों से गुजरती आई ये डील
Elon Musk और Twitter के बीच इसी साल अप्रैल में 44 बिलियन डॉलर (लगभग 35.1 खरब रुपये) की डील हुई थी। मस्क ने मई में इस डील को होल्ड पर रख दिया, ताकि उनकी टीम ट्विटर के उस दावे की जांच कर सके, जिसमें उसने कहा था कि प्लेटफॉर्म पर बॉट अकाउंट्स या स्पैम अकाउंट्स की संख्या 5 प्रतिशत से कम है। फिर जून में उन्होंने ट्विटर को एग्रीमेंट का उल्लंघन करने को लेकर चेतावनी दी थी कि अगर कंपनी ने उनके कहे मुताबिक स्पैम अकाउंट्स का डेटा नहीं उपलब्ध करवाया तो वह इस डील से वापस भी हट सकते हैं।
मस्क द्वारा इससे हाथ खींचने के बाद ट्विटर ने मस्क के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। मस्क ने जुलाई की शुरुआत में ट्विटर खरीदने की डील को खत्म करने की घोषणा की थी, जिसके लिए उनकी टीम ने ट्विटर को एक पत्र भेजकर जानकारी दी थी। मस्क ने डील को इस वजह से रद्द करने का फैसला किया था क्योंकि उनके अनुसार, पर्चेज एग्रीमेंट का कई बार उल्लंघन किया गया।
वही, Twitter इस बात पर जमा रहा कि सॉफ्टवेयर से चलने वाले इसके अकाउंट्स 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है, जो कि इन्सानों द्वारा नहीं चलाए जाते हैं। जबकि मस्क का कहते रहे कि उनको लगता है कि बॉट अकाउंट्स की संख्या 5 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है। इन्हीं बॉट अकाउंट्स की वजह से मस्क ने इस डील से अपना हाथ वापस खींचने की बात कही थी जिसके बाद ट्विटर और मस्क के बीच विवाद बढ़ता चला गया था।
उसके बाद अब अक्टूबर में फिर से इस डील की चर्चा गर्म होने लगी। मस्क ने विचार बदला और वह लंबित पड़ी इस डील को पूरी करने के लिए अचानक से तैयार हो गए। ट्विटर की ओर से जो मुकदमा दायर किया गया था, उसके मुताबिक डेलावेयर कोर्ट ने 28 अक्टूबर तक डील को पूरी करने का आदेश दे रखा था। वहीं, मस्क एक दिन पहले ही सिंक के साथ ट्विटर ऑफिस पहुंच गए थे और सबको हैरान कर दिया था।