नई दिल्ली. अगर आपने इमरजेंसी फंड (emergency fund) बनाया हुआ है तो मुश्किल वक्त से भी आसानी से निकल सकते हैं और आपका फ्यूचर इंवेस्टमेंट भी बना रहेगा. इसलिए आपको तमाम बचत और निवेश के साथ साथ ऐसी व्यवस्था भी करनी चाहिए जिससे कि आप किसी बीमारी या दुर्घटना, कारोबार में घाटा या अन्य तरीके से आमदनी खत्म होने की स्थिति में आसानी निकला जा सके.
जैसे आप भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) करते हैं और उसी तरह इमरजेंसी फंड (emergency fund) भी बनाना चाहिए. अब सवाल आता है कि इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए और इसे कैसे तैयार करना चाहिए.
इस तरह करें प्लानिंग
आप सामान्य दिनों में जिस तरह अपना कमाई का कुछ हिस्सा निकालकर भविष्य की योजनाओं में निवेश करते हैं, उसी प्रकार कमाई का कुछ हिस्सा इमरजेंसी के लिए भी जमा कर रखना चाहिए. इमरजेंसी फंड तैयार करते समय ध्यान रखें कि इस फंड को किसी और जरूरत के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
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इमरजेंसी फंड मासिक वेतन का कम से कम 6 गुना
इमरजेंसी फंड मासिक वेतन का कम से कम 6 गुना होना चाहिए. आपको अपनी 6 महीने की कमाई को इमरजेंसी फंड के लिए बचाकर रखना चाहिए. अगर आप 50 हजार रुपये महीना कमाते हैं तो आपके पास कम से कम 3 लाख रुपये का इमरजेंसी फंड होना चाहिए. यह फंड आपकी बचत और निवेश से अलग होना चाहिए.
इस तरह जमा करें इमरजेंसी फंड
इमरजेंसी फंड को ऐसे ऑप्शन में निवेश करना चाहिए जहां से इसे आप आसानी से निकाल सकें. इमरजेंसी फंड नकदी के रूप या सेविंग बैंक (Saving Bank) अकाउंट के रूप में हो सकता है. इमरजेंसी फंड को आप लिक्विड म्युचुअल फंड (Liquid MF) में भी रख सकते हैं. फिक्स डिपॉजिट (FD) या रेकरिंग डिपाजिट (RD) में भी आप इमरजेंसी फंड बना सकते हैं.
आप अपने इमरजेंसी फंड को तीन हिस्सों में बांट कर रख सकते हैं. यह अल्ट्रा शॉर्ट टर्म, शॉर्ट टर्म और मिडियम टर्म में बंटा हो सकता है. डेट फंड में भी निवेश कर सकते हैं. आपने जो इमरजेंसी फंड तैयार किया है उसमें समय के अनुसार बढ़ोतरी करते रहें.
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