Encroachment in hospital premises: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अस्पताल परिसर को तो अतिक्रमण से बख्श दें, तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज


अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 29 Jun 2022 12:57 AM IST

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि मनोरोग अस्पताल में लोगों ने घर बना लिये हैं, कम से कम कुछ जगह को तो छोड़ दिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने तेलंगाना के एक मानसिक रोग अस्पताल परिसर में अतिक्रमण से संबंधित मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।

शीर्ष अदालत की पीठ तेलंगाना हाईकोर्ट के 14 जून के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने जमीन खाली कराने के लिए अमीरपेट तहसील के तहसीलदार और कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा अप्रैल में जारी आदेश को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया था।

याचिका खारिज करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि अस्पताल में भर्ती लोगों की जिंदगी को दयनीय नहीं बनाया जा सकता। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अतिक्रमण हटाने के लिए दो महीने का समय दिया और हाईकोर्ट में यह शपथपत्र देने के लिए कहा कि वे दो महीने के भीतर संपत्ति से शांतिपूर्ण तरीके से हट जाएंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि मनोरोग अस्पताल में लोगों ने घर बना लिये हैं, कम से कम कुछ जगह को तो छोड़ दिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने तेलंगाना के एक मानसिक रोग अस्पताल परिसर में अतिक्रमण से संबंधित मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।

शीर्ष अदालत की पीठ तेलंगाना हाईकोर्ट के 14 जून के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने जमीन खाली कराने के लिए अमीरपेट तहसील के तहसीलदार और कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा अप्रैल में जारी आदेश को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया था।

याचिका खारिज करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि अस्पताल में भर्ती लोगों की जिंदगी को दयनीय नहीं बनाया जा सकता। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अतिक्रमण हटाने के लिए दो महीने का समय दिया और हाईकोर्ट में यह शपथपत्र देने के लिए कहा कि वे दो महीने के भीतर संपत्ति से शांतिपूर्ण तरीके से हट जाएंगे।



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