Ethereum के डिवेलपर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, “क्लाइंट टीम्स Merge के जरिए Ropsten को चलाने के लिए तैयार हैं। इसकी तैयारी के लिए Ropsten Beacon Chain को नेटवर्क को कंसेंसस उपलब्ध कराने के लिए लॉन्च किया गया है।” Merge के डिवेलपर्स में शामिल Tim Beiko ने ट्वीट के जरिए बताया कि यह टेस्ट अगले सप्ताह हो सकता है। Merge के अगले कुछ महीनों में लॉन्च होने की संभावना है। इससे पहले Ethereum 2.0 के जरिए दो और टेस्टनेट चलाए जाएंगे। इससे ट्रांजैक्शंस के सही तरीके से पूरा होने को पक्का किया जा सकेगा।
इस अपग्रेड से Ethereum की इलेक्ट्रिसिटी की खपत 99 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद है। Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है। एक अनुमान में बताया गया था कि Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर है। यह अपग्रेड होने के बाद Ethereum की ट्रांजैक्शन के लिए ऑर्डर stakers से दिया जाएगा। इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है।
क्रिप्टो एक्टिविटीज के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी। इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ अन्य देशों में भी इसी कारण से क्रिप्टो माइनिंग का विरोध हो रहा है। अमेरिका के टेक्सस में पिछले वर्ष बिटकॉइन माइनिंग के कारण इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में रुकावट आई थी। इसे लेकर टेक्सस के निवासियों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे। ईरान ने भी इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई पर असर पड़ने के कारण हाल ही में बिटकॉइन माइनिंग पर अस्थायी रोक लगाई थी।
भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें
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