शोरूम से निकलने से पहले ही 5 फीसदी घट जाती है गाड़ी की कीमत, ऐसा क्यों होता है और क्या कहते हैं एक्सपर्ट?


नई दिल्ली. कोई भी नई कार या बाइक खरीदते वक्त उसका इंश्योरेंस करना बहुत जरूरी होता है. बिना इंश्योरेंस के रोड पर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी माना जाता है. बीमा न होने पर ट्रैफिक पुलिस गाड़ी का चालान भी काट सकती है. व्हीकल इंश्योरेंस में हमारी गाड़ी की कीमत तय होती है यानी गाड़ी चोरी होने या एक्सीडेंट होने पर तय राशि हमें मिलती है.

आपने कभी न कभी नई गाड़ी खरीदी होगी, लेकिन क्या आपने एक चीज नोटिस की है. गाड़ी के शोरूम से बाहर निकलने से पहले ही इंश्योरेंस पर उसकी कीमत कम क्यों हो जाती है? जैसे मान लीजिए आपने कोई गाड़ी एक लाख रुपये की खरीदी, लेकिन जब उसका इंश्योरेंस होगा, तो उसमें गाड़ी की कीमत 5 प्रतिशत कम मतलब 95 हजार रुपये की रह जाएगी. आखिर ऐसा होता क्यों है? तो चलिए हम आपको बताते हैं.

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इस वजह से कम हो जाती है कीमत?
इस बारे में जब इंश्योरेंस एक्सपर्ट स्वीटी मनोज जैन से बात की तो उन्होंने बताया कि जब हम कोई नई गाड़ी खरीदते हैं तो उसकी इंश्योरेंस वैल्यू 5 प्रतिशत डेप्रिसिएशन के साथ तय की जाती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यह कीमत इंश्योरेंस के साथ एक साल के लिए वैलिड रहती है. इस वजह से शोरूम से निकलने से पहले ही बीमा में गाड़ी की कीमत कम हो जाती है.

क्यों होता है 5 प्रतिशत डेप्रिसिएशन?
दरअसल, जब हम कोई गाड़ी खरीदते हैं तो उसका इंश्योरेंस एक साल के लिए होता है. इस एक साल के दौरान जब गाड़ी चलती है तो उसका इंजन, टायर और बाकी के पार्ट्स पर भी इसका असर होता है. यानी एक साल में गाड़ी के पार्ट्स का भी मूल्यह्रास यानी डेप्रिसिएशन होता है. इस वजह से बीमा कंपनियां गाड़ी कीमत को एक साल के पीरियड के लिए 5 प्रतिशत तक घटा देते हैं.

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एक जून इंश्योरेंस कराना होगा महंगा
अगले महीने से गाड़ियों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना महंगा हो जाएगा. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग ने कई कैटेगरी के व्हीकलों के लिए थर्ड पार्टी व्हीकल इंश्योरेंस के प्रीमियम में बढ़ोतरी की है. यह एक जून से लागू हो जाएगी. इसकी वजह से कार और टू-व्हीलरों का बीमा महंगा हो सकता है. अब एक हजार सीसी इंजन क्षमता वाली निजी कारों के लिए 2092 रुपये प्रीमियम देना होगा. इसी तरह एक हजार से 1500 सीसी इंजन वाली निजी कारों के लिए 3416 रुपये देने होंगे.

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