Evening Puja: शाम को इस समय करें पूजा, इन 4 मंत्रों के रोजाना जपने से मिलेगी अपार सफलता होगी धन की बारिश


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शाम को इस समय करें पूजा

Highlights

  • रोज़ाना शाम को जपे ये 4 मंत्र
  • होगा सब दुखों का अंत

Evening Puja: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार सुबह-शाम ईश्वर के सामने दीपक जलाकर पूजा करना बहुत ही पवित्र माना गया है।मान्यता है कि इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और सुख-समृद्धि आती है।पूजा के साथ ही मंत्रों का जाप भी बड़ा लाभकारी है। हिन्दू धर्म में केवल सुबह ही नहीं शाम को भी पूजा किया जाता है।इसी प्रकार ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मान्यता है कि शाम की पूजा के समय इन 4 मंत्रों का जाप करना आपके सुख-सौभाग्य और धन में वृद्धि करता है…

कब करें शाम को पूजा?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शाम के समय सुरी शक्तियों का प्रभाव ज़्यादा होता है।ऐसे में शाम के समय की गई पूजा से असुरी प्रभाव कम किया जा सकता है।वहीं, सुबह की पूजा भगवान को प्रसन्न करने के लिए की जाती है।शाम को पूजन का सही समय सूर्यास्त होने के बाद और अंधेरा होने से पहले का होना चाहिए.ऐसा करने से भगवान आपके घर में वास करते हैं और माँ लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहती है।

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शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।

शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तुते॥

इस मंत्र का अर्थ है- जो शुभ करती है, कल्याण करती है, स्वस्थ रखती है, धन-संपत्ति प्रदान करती है और शत्रु बुद्धि को नष्ट करती है, ऐसे दीप की लौ को मैं प्रणाम करता हूँ।

अन्तर्ज्योतिर्बहिर्ज्योतिः प्रत्यग्ज्योतिः परात्परः।
ज्योतिर्ज्योतिः स्वयंज्योतिरात्मज्योतिः शिवोऽस्म्यहम्॥

इस मंत्र का अर्थ है कि- जो दिव्‍य प्रकाश मेरे भीतर और मेरे बाहर है और जो प्रकाश संसार में फैला हुआ है उसका मालिक एक है। सभी प्रकाशपुंजों का स्रोत वो परमात्‍मा ही है, शिव है। मैं इस दीपक को प्रतिदिन जलाने की शपथ लेता हूं।

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दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते॥

इस मंत्र का अर्थ है कि- शाम के वक्त जलने वाले दीपक की लौ उस परम ब्रह्म और सत्पुरुषों को समर्पित है और साथ ही भगवान विष्‍णु को समर्पित है। यह दीपक मेरे पाप को नष्ट करे, हे संध्या के दीपक मैं तुझे नमन करता हूं।

कीटा: पतङ्गा: मशका: च वृक्षाः
जले स्थले ये निवसन्ति जीवाः
दृष्ट्वा प्रदीपं न च जन्म भाजा:
सुखिनः भवन्तु श्वपचाः हि विप्रा:।।

इस मंत्र का अर्थ है कि- इस मंत्र के प्रज्वलन से हम यह प्रार्थना करते हैं कि इस दीप के दर्शन जिस जीव को भी हो रहे हों, चाहे वह कीट-पतंगे हों, पक्षी हो, पेड़-पौधे हों, इस पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीव हों या पानी में। मनुष्‍य हो या कोई भी अन्य जीव हो, उसके सभी पाप नष्ट हों तथा साथ ही उसे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाए। उस जीव को सदा सुख प्राप्त हो।



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