कोरोना: नेजल वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल शुरू, सीडीएल कसौली ने बैच पास कर कंपनियों को भेजे


आदित्य सोफत, संवाद न्यूज एजेंसी, सोलन
Published by: Krishan Singh
Updated Tue, 15 Feb 2022 01:57 AM IST

सार

सीडीएल कसौली के उप सहायक निदेशक सुशील साहू का कहना है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर संस्थान में तेजी से कार्य किया जा रहा है। विभिन्न कंपनियां नेजल वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं। बीते दिनों भी नेजल वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल बैच पास कर कंपनियों को भेजे गए हैं। 

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कोरोना के नए वैरिएंट ऑमिक्रोन और तीसरी लहर के बीच नाक से ली जाने वाली नेजल वैक्सीन का फाइनल यानी तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है। कई कंपनियों ने दूसरे चरण के ट्रायल शुरू किए हैं। इसके लिए सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने बैच पास कर संबंधित कंपनियों को भेज दिए हैं। नेजल वैक्सीन का कई कंपनियां क्लीनिकल ट्रायल कर रही हैं। इन कंपनियों को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दी गई है। ये कंपनियां आंतरिक परीक्षण पूरा करने के बाद डीसीजीआई को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। सीडीएल के उप सहायक निदेशक सुशील साहू का कहना है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर संस्थान में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

विभिन्न कंपनियां नेजल वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं। बीते दिनों भी नेजल वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल बैच पास कर कंपनियों को भेजे गए हैं। उल्लेखनीय है कि नेजल वैक्सीन को इंजेक्शन के बजाय नाक से दिया जाएगा। इससे अंदरूनी हिस्सों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है। 

सीडीएल से जांच के बाद ही मिलती है हरी झंडी
भारत में कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर रही कंपनियों को ट्रायल के बाद ही डीसीजीआई से मंजूरी मिलती है। भारत में उत्पादन से लेकर आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को सीडीएल से जांच के बाद ही हरी झंडी (ग्रीन टिक) मिलती है। इसके बाद ही कंपनियां बाजार में वैक्सीन उतारती हैं।

विस्तार

कोरोना के नए वैरिएंट ऑमिक्रोन और तीसरी लहर के बीच नाक से ली जाने वाली नेजल वैक्सीन का फाइनल यानी तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है। कई कंपनियों ने दूसरे चरण के ट्रायल शुरू किए हैं। इसके लिए सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने बैच पास कर संबंधित कंपनियों को भेज दिए हैं। नेजल वैक्सीन का कई कंपनियां क्लीनिकल ट्रायल कर रही हैं। इन कंपनियों को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दी गई है। ये कंपनियां आंतरिक परीक्षण पूरा करने के बाद डीसीजीआई को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। सीडीएल के उप सहायक निदेशक सुशील साहू का कहना है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर संस्थान में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

विभिन्न कंपनियां नेजल वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं। बीते दिनों भी नेजल वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल बैच पास कर कंपनियों को भेजे गए हैं। उल्लेखनीय है कि नेजल वैक्सीन को इंजेक्शन के बजाय नाक से दिया जाएगा। इससे अंदरूनी हिस्सों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है। 

सीडीएल से जांच के बाद ही मिलती है हरी झंडी

भारत में कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर रही कंपनियों को ट्रायल के बाद ही डीसीजीआई से मंजूरी मिलती है। भारत में उत्पादन से लेकर आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को सीडीएल से जांच के बाद ही हरी झंडी (ग्रीन टिक) मिलती है। इसके बाद ही कंपनियां बाजार में वैक्सीन उतारती हैं।



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