वित्त मंत्री बोलीं: खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्प तलाश रहा है भारत, यूक्रेन संघर्ष से आई मुश्किलें 


सार

भारत यूक्रेन से बड़े पैमाने पर सूरजमुखी तेल का आयात करता रहा है लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा नहीं हो पा रहा है।

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहा है। सीतारमण ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक कार्यक्रम में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से भारत को खाद्य तेलों के आयात में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

कुछ नए बाजारों पर नजर 
उन्होंने कहा कि खाद्य तेल के आयात में कई बाधाए हैं। हम खाद्य तेलों का आयात नहीं कर पा रहे हैं। हमें सूरजमुखी तेल मिल रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। भारत यूक्रेन से बड़े पैमाने पर सूरजमुखी तेल का आयात करता रहा है लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा नहीं हो पा रहा है। सीतारमण ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम कई दूसरे बाजारों से खाद्य तेलों का आयात कर रहे हैं और कुछ नए बाजारों पर भी हमारी नजर है। 

इसके साथ ही उन्होंने घरेलू कारोबारियों से इस मौके का फायदा उठाते हुए तेल निर्यात की संभावनाओं पर गौर करने को कहा। उन्होंने कहा कि उद्यो गपतियों को हरेक चुनौती को अवसर में बदलने का मौका देखना चाहिए। केंद्र सरकार अपना समर्थन देने के लिए हमेशा ही तैयार है। सीतारमण ने भारतीय उद्योगों से ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में साझा उद्यम लगाने के लिए भागीदार तलाशने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों में साझा उद्यम साझेदार का चयन करने से घरेलू उद्यमियों के लिए अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी। 

ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, कनाडा के साथ एफटीए साल के अंत तक 
वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को कहा कि इस साल के अंत तक ब्रिटेन, यूरोपीय संघ एवं कनाडा के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। अनुप्रिया पटेल ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता संपन्न करने से जुड़ी बातचीत की प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक इन समझौतों के पूरा हो जाने की उम्मीद है। भारत पिछले कुछ महीनों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर कर चुका है। इससे भारतीय उत्पादों को दोनों देशों में आसान पहुंच मिलने की उम्मीद है। पटेल ने कहा कि देश का व्यापार इस समय ऐतिहासिक दौर से गुजर रहा है। कुल निर्यात 675 अरब डॉलर रहा जिसमें से वस्तुओं का निर्यात 419 अरब डॉलर है।

उन्होंने निर्यात को देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ एफटीए से निर्यात संवर्धन के अलावा रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। 

विस्तार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहा है। सीतारमण ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक कार्यक्रम में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से भारत को खाद्य तेलों के आयात में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

कुछ नए बाजारों पर नजर 

उन्होंने कहा कि खाद्य तेल के आयात में कई बाधाए हैं। हम खाद्य तेलों का आयात नहीं कर पा रहे हैं। हमें सूरजमुखी तेल मिल रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। भारत यूक्रेन से बड़े पैमाने पर सूरजमुखी तेल का आयात करता रहा है लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा नहीं हो पा रहा है। सीतारमण ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम कई दूसरे बाजारों से खाद्य तेलों का आयात कर रहे हैं और कुछ नए बाजारों पर भी हमारी नजर है। 

इसके साथ ही उन्होंने घरेलू कारोबारियों से इस मौके का फायदा उठाते हुए तेल निर्यात की संभावनाओं पर गौर करने को कहा। उन्होंने कहा कि उद्यो गपतियों को हरेक चुनौती को अवसर में बदलने का मौका देखना चाहिए। केंद्र सरकार अपना समर्थन देने के लिए हमेशा ही तैयार है। सीतारमण ने भारतीय उद्योगों से ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में साझा उद्यम लगाने के लिए भागीदार तलाशने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों में साझा उद्यम साझेदार का चयन करने से घरेलू उद्यमियों के लिए अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी। 

ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, कनाडा के साथ एफटीए साल के अंत तक 

वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को कहा कि इस साल के अंत तक ब्रिटेन, यूरोपीय संघ एवं कनाडा के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। अनुप्रिया पटेल ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता संपन्न करने से जुड़ी बातचीत की प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक इन समझौतों के पूरा हो जाने की उम्मीद है। भारत पिछले कुछ महीनों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर कर चुका है। इससे भारतीय उत्पादों को दोनों देशों में आसान पहुंच मिलने की उम्मीद है। पटेल ने कहा कि देश का व्यापार इस समय ऐतिहासिक दौर से गुजर रहा है। कुल निर्यात 675 अरब डॉलर रहा जिसमें से वस्तुओं का निर्यात 419 अरब डॉलर है।

उन्होंने निर्यात को देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ एफटीए से निर्यात संवर्धन के अलावा रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। 



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