नई दिल्ली. पिछले 2-3 महीनों में कई ऐसे घटनाक्रम हुए जो शेयर बाजार के नजरिए ये अच्छे नहीं थे, लेकिन उन सब को धत्ता बताते हुए अब शेयर बाजार में एक बार फिर ऊपर की तरफ दौड़ शुरू कर दी है. जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत की नजर भी इस तेजी पर है, लेकिन वे निवेशकों द्वारा सिर्फ स्टॉक्स की खरीदारी करने को एक बेवकूफी बताते हैं.
निवेशकों से इक्विटी में ज्यादा निवेश न करने को कहते हुए नितिन कामत ने कहा, ‘सिर्फ स्टॉक खरीदना बेवकूफी है. यह कुछ ऐसा है जिसे लोग बुल मार्केट में नहीं समझते हैं. मुझे लगता है कि फिक्सड इनकम या डेट (Debt) और इक्विटी का एक अच्छा मिश्रण होना महत्वपूर्ण है, ताकि अगर बाजार नीचे भी जाता है, तो आपको ज्यादा मुश्किल नहीं होगी.”
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घरेलू निवेशकों की भारी लिवाली (खरीदारी) से प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले एक महीने में 13 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है, जबकि विदेशी निवेशकों ने मार्च में बाजार से 41,000 करोड़ रुपये निकाले थे.
कई समस्याएं है सामने
इकोनोमिक्स टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “हम नहीं जानते कि क्या कोविड चला गया है. यह चीन में वापसी कर रहा है. महंगाई भी है. मुद्रास्फीति के अलावा, लिक्विडिटी के कई सेकेंड और थर्ड ऑर्डर इफेक्स हो सकते हैं. और हम अभी भी देश में विदेशी प्रवाह पर निर्भर हैं. विदेशी निवेशकों द्वारा बड़े स्तर पर पैसा निकालना भी जोखिम है. इसके अतिरिक्त भू-राजनीतिक तनाव भी अभी बरकरार है. अगर युद्ध बढ़ता है, तो यह एक बड़ी समस्या है.”
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पिछले 2 वर्षों में खुदरा निवेशकों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है. अकेले इसी साल जनवरी में रिकॉर्ड 34 लाख नए डीमैट खाते खोले गए. पार्ट टाइम ट्रेडिंग भी बढ़ रही है.
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