नई दिल्ली. बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने पुराने स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के एक पूर्व कर्मचारी को नवंबर 2016 में चलन से बाहर हो चुके नोटों को अवैध रूप से बदलने के मामले में सात साल कैद की सजा सुनाई है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो चुका है. अधिकारियों के मुताबिक अदालत ने बैंक के तत्कालीन प्रमुख खजांची (कैशियर) आरोपी बी दिनेश पर 2.19 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है.
2 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना भी लगा
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, “बेंगलुरु में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने मैसूर जिले के पेरियापटना में उस समय स्टेट बैंक ऑफ मैसूर की शाखा में कार्यरत बी दिनेश को सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है और उस पर 2,19,35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.”
सीबीआई ने दिनेश के खिलाफ 10-23 नवंबर, 2016 की अवधि के दौरान 2.18 करोड़ रुपये से अधिक के वैध बैंक नोटों के साथ 1,000 रुपये और 500 रुपये के पुराने नोटों को धोखाधड़ी से बदलने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी.
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